झांसी : सूबे में स्वास्थ्य मंत्री के बदलते ही जिलों में भी इसका असर दिखने लगा है। इसी क्रम में ए०.डी० . हैल्थ ने भी स्वास्थ्य सेवाओं और दफ्तरों का भ्रमण किया। इस दौरान आधे से ज्यादा दफ्तरों में कर्मचारी गायब मिले। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उस समय सख्ते में आ गये
जब राजधानी में स्वास्थ्य मंत्री व डिप्टी चीफ मिनिस्टर बृजेश पाठक द्वारा सिविलअस्पताल लखनऊ के दौरे की तर्ज पर झाँसी मण्डल की अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डा. अल्पना बरतारिया भी अचानक कर्मचारियों व अधिकारियों की समय से उपस्थिति व कार्य शैली देखने के लिये अचानक सुबह 10:15 पर मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पहुँची।
उन्होंने पहुँचते ही उपस्थिति रजिस्टर को अपने कब्जे में लिया जिसे देखकर वे खुद हैरान रह गईं। सी.एम.ओ. कार्यालय में तैनात 59 कार्मिकों के सापेक्ष केवल 30 कार्मिक ही उपस्थित पाये गये। उसके बाद औचक निरीक्षण का सिलसिला थमा नहीं। अपर निदेशक 10:30 बजे जिला क्षय रोग नियंत्रण इकाई पहुँची
जहाँ तैनात 14 कर्मचारियों में 1 कर्मचारी अनुपस्थित पाया गया।
वहाँ से निकलकर डा. बरतारिया सीधे 10:40 पर जिला मलेरिया कार्यालय पहुँची जहाँ उन्हें 29 में से 8 कार्मिक अनुपस्थित मिले। अनुपस्थित सभी कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है।
डा. अल्पना बरतारिया ने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप मण्डलायुक्त के निर्देश पर इस तरह की निरीक्षण लगातार किये जायेंगे जिससे जनसेवा से जुड़े हुए कार्य समय से निष्पादित हों और कर्मचारियों में समयबद्धता का बोध हो। उन्होंने कहा कि सभी कार्मिक समय पर उपस्थित होकर निष्ठापूर्वक अपने कार्य दायित्वों का निर्वाहन करें अन्यथा की स्थिति में उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
डा. बरतारिया ने बताया कि अगले चरण में मण्डल के सभी जनपदों के चिकित्सालयों व स्वास्थ्य विभाग के कार्यालयों में इसी तरह के निरीक्षण मण्डल स्तरीय अधिकारियों द्वारा किये जायेंगे। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी झाँसी को भी निर्देश दिये है कि वे प्रतिदिन कर्मचारियों की समय से उपस्थिति सुनिश्चित करायें।