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उतना ही ले थाली में,व्यर्थ ना जाए नाली में ज्योति बाबा

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अन्य देशो की तरह अन्न बर्बाद करने वालों पर लगे‌ पेनाल्टी

कानपुर : शोधकर्ताओं का कहना है कि भोजन की बर्बादी की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और यह वास्तव में भारत सहित विश्व के लिए गंभीर चिंतन और मनन का समय है वहीं पर भारत सहित दुनिया भर में 2 अरब टन से अधिक भोजन ना खाकर बर्बाद कर दिया जाता है उपरोक्त बात सोसायटी योग ज्योति इंडिया व राष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी के संयुक्त तत्वाधान में कोरोना हटाओ  नशा मिटाओ भोजन की बर्बादी से बचाओ हरियाली बढ़ाओ अभियान के तहत आयोजित ई संगोष्ठी शीर्षक उतना ही ले थाली में,व्यर्थ ना जाए नाली में पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही,बाबा जी ने आगे बताया कि पहले माना जाता था कि भोजन की बर्बादी मुख्य रुप से गरीब क्षेत्रों में ज्यादा होती है लेकिन वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड की हालिया रिपोर्ट में इस धारणा को पूरी तरह गलत साबित किया गया है

जानकारों के मुताबिक उत्तरी अमेरिका,यूरोप और एशिया के उच्च और मध्यम आय वाले देश वैश्विक फसल कचरे में 58 फ़ीसदी का योगदान दे रहे हैं ज्योति बाबा ने आगे कहा कि सरकारी अनुमानों में बताया गया है यह ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के 10 फ़ीसदी हिस्से के लिए जिम्मेदार है l राष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी महिला प्रदेश अध्यक्ष नीतू शर्मा ने कहा कि हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा की थाली में जरूरत भर का ही लें अपनी क्षमता से अधिक भोजन थाली में लेना फिर छोड़ देना यही असली बर्बादी है l मंडल अध्यक्ष प्रीति सोनी ने कहा कि हर घर में महिलाएं बच्चों को शुरुआती स्तर से ही अन्न की बर्बादी ना करने का मंत्र सिखाएं जिससे बड़े होकर उन्हीं संस्कारों का पालन करते हुए अन्न की बर्बादी रोकने के प्रहरी बनेंगे,राष्ट्रीय समन्वयक हरजीत सिंह सहगल व श्री नारायण मिश्र योगी जी ने कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स यानी भूख सूचकांक में भारत की दयनीय स्थिति दर्शाई गई है जबकि हम भोजन ग्रहण मंत्र में अन्न को भगवान का प्रसाद मानकर ग्रहण करते हैं इसीलिए थाली में एक दाना भी नहीं छोड़ते हैं,मारवाड़ी एसोसिएशन के सचिव प्रदीप केडिया ने कहा कि पश्चात संस्कृत की कुरूपता में भोजन थाली में छोड़ना अपनी शान समझते हैं जबकि वास्तविकता में यह भ्रम से ज्यादा कुछ नहीं है l अंत में भोजन को थाली में ना छोड़ने की शपथ योग गुरू ज्योति बाबा ने दिलाई l अन्य प्रमुख विचारक दीपक सोनकर,यशस्वी बाजपेई,रोहित कुमार,अनिल सिंह चंदेल,निर्मला राठौर,दीप्ति अवस्थी,नीतू गुप्ता,हर्ष सोनी,विनीता सिंह,संगीता तिवारी,संगीता गुप्ता इत्यादि थी

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