आंसू अध्याय न नारी का, युग अब असहाय न नारी का, लक्ष्मीबाई ने सिद्ध कर दिया अबला पर्याय न नारी का: भगवान कुमार
बछरावां रायबरेली : वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर स्थानीय कस्बा निवासी एवं क्षेत्र की शिक्षा जगत में अपना विशेष योगदान देने वाले उत्कृष्ट साहित्यकार एवं कवि भगवान कुमार अवस्थी (गुरु जी ) ने महारानी लक्ष्मी बाई की जयंती पर उनके चित्र पर पुष्पमाला अर्पित करके उनके त्याग और बलिदान को याद किया और कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम 1857 की प्रथम महिला सेनानी रानी लक्ष्मीबाई द्वारा भारत की स्वतंत्रता के लिए दिए गए योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। आज हम सब देशवासी उन्हें शत-शत नमन कर रहे हैं ।आगे उन्होंने यह भी कहा कि हमारे काशी की मिट्टी में जन्मी वीरांगना लक्ष्मीबाई युद्ध में अंग्रेजों से अकेले लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गई। साथ ही साथ उन्होंने नारी के लिए चार लाइनों की पंक्तियां आंसू अध्याय न नारी का, युग अब असहाय न नारी का, लक्ष्मीबाई ने सिद्ध कर दिया ,अबला पर्याय न नारी का कहकर वीरांगना को शत शत नमन किया।