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विश्व हृदय दिवस पर किशोर हुये जागरूक

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पोषण के साथ स्वस्थ जीवन शैली की मिली सीख

बहराइच : किशोर और किशोरियों को विभिन्न मुद्दों पर संवेदित एवं जागरूक करने हेतु बुधवार को राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं आगा खान फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किशोर स्वास्थ्य दिवस एवं विश्व ह्रदय दिवस का आयोजन जूनियर हाई स्कूल फुलवरिया विकासखण्ड चितौरा में किया गया I इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश 10 से 19 साल तक के किशोर किशोरियों को पोषण में सुधार, प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, लिंग आधारित हिंसा, हार्ट को सवस्थ रखने के बारे में जागरूक करना था

किशोरावस्था बचपन से वयस्कता तक तेजी से विकास और परिपक्वता की अवधि है। इस अवस्था में शारीरिक विकास तेजी से होता है और शरीर की संरचना के साथ साथ जैविक परिवर्तन भी होते हैं। इसलिए इस अवस्था में शरीर को अधिक मात्रा में पोषण की जरूरत होती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम की नोडल व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ योगिता जैन ने बताया कि सीएनएनएस वर्ष 2016-18 की रिपोर्ट के अनुसार 5% किशोरों को उच्च रक्तचाप, 10% प्रीडायबिटीज एवं अन्य गैर संचारी रोगों से ग्रसित हैं I किशोर-किशोरियां इसकी गंभीरता को समझें एवं जोखिम को कम करने के लिए निवारक उपाय अपनाए

इस अवसर पर राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वय राकेश गुप्ता ने बताया कि स्वस्थ हृदय रखने के लिए स्वस्थ जीवन शैली आवश्यक है और इसके लिए किशोरों को जागरूक होना चाहिएI उन्होंने उपस्थित सभी किशोर किशोरियों को स्वस्थ हृदय की शपथ दिलाई, शपथ में किशोरियों को प्रतिदिन पौष्टिक आहार, कम से कम 30 मिनट शारीरिक गतिविधि, संतुलित वजन, धूम्रपान न करने एवं भरपूर नींद लेने की शपथ दिलाई I उन्होंने यह भी बताया कि जनपद के 310 केंद्रों पर किशोर स्वास्थ्य दिवस आयोजित किया जाएगा जिसमें लगभग 24000 किशोर किशोरियों को किशोरावस्था के बारे में जागरूक किया जाएगा उन्होंने यह भी बताया कि किशोरावस्था से संबंधित अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्थित साथिया केंद्र पर जाकर आवश्यक सलाह एवं परामर्श प्राप्त कर सकते हैं

आगा खान फाउंडेशन कि जिला प्रतिनिधि नीरजा द्वारा किशोरियों को व्यतिगत स्वच्छता और माहवारी के साथ-साथ संतुलित एवं पौष्टिक आहार लेने संबंधी बाते बतायीं । उन्होंने बताया कि तनाव से उपजने वाले हॉर्मोन्स का एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन पर सीधा असर पड़ता है और मासिक धर्म के दौरान रक्तस्त्राव में अनियमितता हो जाती है, इसलिए इस समय लड़कियों को तनाव से बचना चाहिए। समाज में एक अन्धविश्वास व्याप्त है कि इस दौरान लड़कियां अपवित्र हो जाती हैं, जबकि हकीकत में ये सिर्फ महिलाओं के शरीर में होने वाले हॉर्मोनल चेंज की वजह से होता है। किशोरियों को इस दौरान रोज नहाना चाहिए, उचित व पोषक आहार लेना चाहिए। साथ ही अपने रोजमर्रा के काम भी बाकी दिनों की तरह ही करने चाहिए

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डॉ फरीद, डॉक्टर नीलम द्वारा किशोर किशोरियों के वजन, हाइट, हीमोग्लोबिन स्तर की जांच की गई और आवश्यक परामर्श प्रदान किया गया I कार्यक्रम के दौरान किशोर किशोरियों ने स्वास्थ्य परक नाटक एवं गीतों का प्रस्तुतिकरण किया और मनोरंजक खेलों का आनंद लियाI कार्यक्रम का संचालन ममता गुप्ता द्वारा किया गया इस अवसर पर एंटी रोमियो स्कॉड की महिला आरक्षियों ने किशोरियों को विषम परिस्थितियों का सामना करने के गुर भी सिखाए I कार्यक्रम के दौरान ब्लॉक किशोर किशोरी परामर्शदाता पंकज त्रिपाठी भी उपस्थित रहेI

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