New Ad

त्रिलोदकी गंगा को पाटकार बना दी एयरपोर्ट की बिल्डिंग हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

0

अयोध्या : श्रीराम एयरपोर्ट के निर्माण की अडचने धमने की नाम नही ले रही है। आरोप है कि ऐतिहासिक-धार्मिक महत्व की नदी तिलोदकी गंगा को पाटकर गंजा गांव में एयरपोर्ट की बिल्डिंग बना दी गयी है। इस मामले में सरयू नगर विकास समिति ने लखनऊ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी थी जिसपर कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक्शन लिया है। न्यायालय ने नगर निगम अयोध्या एवं अयोध्या विकास प्राधिकरण को तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है। सरयू नगर विकास समिति ने पीआईएल संख्या 547/2022 अपने अधिवक्ता ओंकार नाथ तिवारी एवं ऋचा तिवारी के जरिए पेश कियास जिसमें उच्च न्यायालय ने 22 सितंबर को कहा कि प्रतिवादी संख्या 7 को नोटिस जारी करने के प्रार्थना पत्र पर भी अगली तिथि को विचार किया जायेगा।उच्च न्यायालय के आदेश पर गंजा निवासी दुर्गा प्रसाद यादव सहित सभी नागरिकों ने खुशी जताई है और उच्च न्यायालय के साथ साथ श्री सरयू नगर विकास समिति से सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों का आभार व्यक्त किया है। न्यायालय के आदेश पर खुशी जाहिर करते हुए सरयू नगर विकास समिति के अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि जनता के हितों एवं जनहित की लड़ाई के लिए श्री सरयू नगर विकास समिति किसी भी सीमा पार कर जायेगी,यदि आवश्यक हुआ तो सर्वोच्च न्यायालय तक नागरिकों की लड़ाई को लडी जायेंगी।

तिलोदकी गंगा को बचाने में जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यानश्रीराम एअरपोर्ट के विस्तार में आने वाली त्रिलोदकी गंगा के अस्तित्व को बचाने व प्रभावित किसानों/नागरिकों की भूमि एवं भवनों को बाढ़ एवं प्रदूषण से बचाने के श्री सरयू नगर विकास समिति संघर्ष कर रही है। इसके बावजूद आरोप है कि तिलोदकी गंगा को बचाने के प्रयास में जिम्मेदार अधिकारी समिति की बातों पर नजरअंदाज कर रहे हैं। इससे परेशान होकर समिति ने हाईकोर्ट का सहारा लिया है। सरकारो के साथ साथ माननीय सर्वोच्च न्यायालय प्राचीन काल से बह रही नदियों की स्थिति को बचाने पर पूरा ध्यान दिया जा रहा हैस वही अयोध्या में त्रिलोदकी गंगा सोहावल से निकलकर गंजा,हाँसापुर,चांद पुर हरिवंश,पूरे हुसैन खां जनौरा देहात, रामपुर हलवारा,तिलैया होते हुए सरयू नदी में गिरती है।त्रिलोदकी गंगा में अमृत बटलर्सप्राइवेट लिमिटेड (कोको कोला) इलाहाबाद/ प्रयागराज रोड़ एवं यश पेपर मिल अंबेडकरनगर रोड़ का जहरीला एवं प्रदूषित जल इसी त्रिलोदकी गंगा (बाहा) में छोड़ दिया जाता है,इसका विषैला पानी बाहर नहीं निकल पाता है इसी कारण संबधित गांवों के नागरिकों एवं पशुओं में अनेकों बीमारियां फैल रही है।सरयू नगर विकास समिति के साथ आए किसान संबधित गांवों के किसानों ने सबसे पहले जिला प्रशासन एवं उत्तर प्रदेश सरकार से त्रिलोदकी गंगा को बचाने के साथ साथ किसानों को बाढ़ एवं प्रदूषण से बचाने के लिए बहुत लड़ाई लडी, लेकिन गरीब एवं असहाय किसानों एवं नागरिकों को जिला प्रशासन ने नहीं सुना,जब सरकार एवं शासन प्रशासन से न्याय नहीं मिला तो संबधित गांवों के किसान एवं संभ्रांत नागरिकों ने सामाजिक संगठन श्री सरयू नगर विकास समिति का सहारा लिया है। त्रिलोदकी गंगा को बचाने के लिए समिति ने इन जिम्मेदारों को पत्र भेज अनुरोध किया।

समिति ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से समिति की बैठक बुलाकर चर्चा करने के बाद न्यायिक लड़ाई लड़ने का निर्णय लियास इसी क्रम में समिति ने समिति के पत्रांक संख्या 31/2022 दिनांक 23 मई 2022 एक पत्र जिलाधिकारी अयोध्या को संबोधित करते हुए तथा इसकी प्रतिलिपि,आवश्यक कार्रवाई एवं सूचनार्थ हेतु,अध्यक्ष नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भारत सरकार नई दिल्ली,व अध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ,व अध्यक्ष राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ,व,मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश,व,प्रमुख सचिव राजस्व,प्रमुख सचिव पर्यटन,प्रमुख सचिव राजकीय उड्डयन विभाग उत्तर प्रदेश,मंडलायुक्त अयोध्या मंडल अयोध्या,अधिशाषी अभियंता बाढ़ कार्य खंड अयोध्या,उपाध्यक्ष अयोध्या विकास प्राधिकरण अयोध्या,नगर आयुक्त अयोध्या को रजिस्टर्ड पोस्ट से भेजा।आरोप है कि समिति के पत्र पर ध्यान नहीं दिया गया। पत्र में कहा गया कि 15 दिनों के अंदर त्रिलोदकी गंगा (बाहा)की पैमाइश करवाकर उसकी सफाई का कार्य शुरू कर यथा शीघ्र जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करेस त्रिलोदकी गंगा ( बाहा) के अस्तित्व को बचाने की कार्रवाई अविलंब करें, लेकिन जिला प्रशासन, नगर आयुक्त एवं उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण अयोध्या द्वारा समिति के पत्र पर ध्यान नहीं दिया गया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.