
मुख्यमंत्री ने 388 करोड़ रु0 की 272 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास
कानपुर महानगर को इसकी पुरातन पहचान दिलाने के नये अभियान को आगे बढ़ाया: मुख्यमंत्री
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर नगर में आयोजित प्रबुद्धजन सम्मेलन के अवसर पर लगभग 388 करोड़ रुपये की 272 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें 174 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 150 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 213 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 122 परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चाभी, प्रमाण-पत्र, डेमो चेक तथा टैबलेट वितरित किये। बच्चों का अन्नप्राशन एवं गर्भवती महिलाओं की गोद भराई भी करायी। कार्यक्रम के दौरान विकास योजनाओं से सम्बन्धित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद कानपुर उत्तर भारत के मैनचेस्टर के रूप में विख्यात था। अपने उद्योगों से इस महानगर ने अपनी अलग पहचान बनायी थी। यहां के उद्योग प्रदेश एवं उत्तर भारत के नौजवानों व नागरिकों के लिए रोजगार का एक माध्यम थे। पुण्य सलिला मोक्षदायिनी मां गंगा की अविरलता और निर्मलता कभी कानपुर नगर की पहचान थी। कानपुर नगर देश के 05 बड़े महानगरों में गिना जाता था। 1970-80 के दशक में यह जनपद अव्यवस्था, अराजकता, बन्द होते उद्योग और दुर्व्यवस्था का शिकार हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस महानगर को इसकी पुरातन पहचान दिलाने के लिए नये अभियान को आगे बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना का सबसे क्रिटिकल प्वाइंट कानपुर था। सीसामऊ नाले से 14 करोड़ लीटर सीवर गंगा जी में उड़ेला जाता था। इसे पूर्ण रूप से बन्द करके सीवर प्वाइंट को सेल्फी प्वाइंट में बदलकर नैतिक दायित्व का परिचय देते हुए पुनः मां गंगा की अविरलता व निर्मलता को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया। जाजमऊ में पहले एक भी जलीय जीव दिखायी नहीं देते थे। आज वहां जलीय जीव दिखायी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानपुर आज अविरल तथा निर्मल गंगा की परिकल्पना को साकार करते हुए अत्याधुनिक सुविधाओं को लेकर आगे बढ़ा है। प्रधानमंत्री जी ने विगत वर्ष कानपुर में मेट्रो रेल की शुरुआत कर दी थी। इसका तेजी से विस्तार किया जा रहा है। प्रथम फेज के बाद बहुत जल्द हम सेकेण्ड व थर्ड फेज की सौगात कानपुर वासियों को देने के लिए आएंगे। साथ ही, यहां पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतरीन सुविधा देने का कार्य किया जा रहा है। यहां इलेक्ट्रिक बस सेवा पहले से ही संचालित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार कानपुर की औद्योगिक पहचान को पुनः वापस दिलाने के लिए कार्य कर रही है। देश में बनने वाले दो डिफेंस कॉरिडोर में से एक का केन्द्र बिन्दु कानपुर है। प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी व चित्रकूट में डिफेंस कॉरिडोर के नोड का विकास किया जा रहा है। देश को सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने का केन्द्र बिन्दु एक बार पुनः कानपुर बनेगा। इसके लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 05 दिसम्बर को प्रदेश सरकार का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया गया। इस अनुपूरक बजट में कानपुर-झांसी के बीच में लैण्डबैंक बनाने के लिए 08 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है, जिससे औद्योगिक निवेश के एक बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा सकेगा। एक तरफ विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का कार्य हो रहा है, तो दूसरी तरफ नगरीय जीवन को बदलने की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ रही है।