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मनुष्य के अति भोग ने परिस्थितिकी तंत्र को खतरे में डाला-ज्योति बाबा

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कानपुर : हमें मान लेना चाहिए कि कोरोना बिगड़ते पर्यावरण का इंडिकेटर है अगर इस बड़ी महामारी को प्रकृति के साथ जोड़कर देखने पर ही आने वाली भयंकर घटनाओं को बहुत हद तक रोका जा सकता है आज बिगड़ते पर्यावरण से मात्र व्याधि ही नहीं आई,बल्कि कई सामाजिक कुरीतियों ने भी जन्म लिया है क्योंकि दुनिया भर में जिस तरह फास्ट फूड स्टोर्स में जगह बनाकर विपरीत प्रवृत्ति का परोसा गया भोजन हमारी मूल प्रकृति को बदल रहा है,फास्ट फूड व्याधियों को जन्म देने के साथ व्यवहार बदल कर प्रवृत्ति पर सीधा असर डाल रहे हैं, उपरोक्त बात सोसायटी योग ज्योति इंडिया,उत्तर प्रदेश वैश्य व्यापारी महासभा,वंचित समाज अनुसूचित जाति कल्याण महासभा के संयुक्त तत्वाधान में वन महोत्सव के अंतर्गत नशा हटाओ पेड़ लगाओ प्रदूषण मिटाओ कोरोना भगाओ अभियान के तहत आयोजित हरियाली के लिए पेड़ लगाओ मानव श्रृंखला के समापन पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही,ज्योति बाबा ने बताया कि प्रकृति ने कोरोना जैसे अदृश्य वायरस को हमारे बीच लाकर यही समझाने और सिखाने का प्रयास किया है कि प्रकृति केंद्रित ना होने पर मनुष्यजनित विज्ञान के प्रश्न कैसे विफल हो सकते हैं l

इस वर्ष की पर्यावरण दिवस की थीम भी परिस्थितिकी तंत्र को दोबारा अपने प्रयत्नों और कार्य व्यवहार से मानव सभ्यता के लिए वापस लाना ही होगा,प्रकृति हमें बार-बार समझाने की कोशिश कर रही है कि हमें संतुलन की तरफ सामूहिक रूप से प्रकृति के नियमों को समझकर प्रवृत्ति तैयार करने में जुट जाना चाहिए,ज्योति बाबा ने जोर देकर कहा कि पेड़  हमारी अमूल्य संपदा हमें ग्लोबल वार्मिंग सूखा बाढ़ जैसी कई प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के साथ वायुमंडल के तापमान को कम करते हैं इसीलिए पर्यावरण हितैषी पेड़ों की संख्या हमें जबरदस्त तरीके से बढ़ानी होगी l सक्षम संस्था के अध्यक्ष डॉ शरद बाजपेई ने कहा कि जंगल ना सिर्फ हमारे लिए जीवन उपयोगी तोहफे हैं बल्कि हमारी प्रकृति और प्रवृत्ति को बेहतर बनाते हैं यह मोटो मंत्र सभी को अपनाना है मोर फॉरेस्ट लेस डिजीज l राष्ट्रीय संरक्षक डॉ आर पी भसीन ने कहा कि हर हरे-भरे बाग में पहुंचते ही मन तरंगित होकर नाचने गाने उछलने कूदने का इसीलिए करने लगता है क्योंकि वहां पर साक्षात प्रकृति रूपी परमेश्वर की शुद्ध हवा रूपी कृपा बरस रही होती है जो सिर्फ मानव को पूचकार कर प्यार के आगोश में ले जाती है l

राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर हरदीप सिंह सहगल ने कहा कि हम अपनी ज्योग्राफी को समझते हुए पेड़ या अपना छोटा सा जंगल लगाएं,सोचने  वाली बात है कि प्रत्येक में मौजूद इस जीवनदायी गैस को इस कदर सिलेंडर में भरने की जरूरत कोरोना काल में क्यों पड़ी ?जबकि थोड़े से सामूहिक प्रयास से हम इसे मुफ्त में पा सकते हैं l संगोष्ठी का संचालन गणेश गुप्ता व धन्यवाद प्रदेश अध्यक्ष सत्यप्रकाश गुलहरे ने दिया l अंत में पर्यावरण परिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाने हेतु शपथ योग गुरु ज्योति बाबा ने दिलायी l अन्य प्रमुख उमेश शुक्ला,दिलीप कुमार सैनी,दीप कुमार मिश्रा सीए,नवीन गुप्ता,रोहित कुमार,विजय कुशवाहा,विमल माधव इत्यादि थी l

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