सैय्यद अहसन रिज़वी,
सिटीजन वॉयस।
लखनऊ। जहां एक तरफ नगर निगम शहर को स्वच्छ और गंदगी से मुक्त कराने जैसे बड़े-बड़े दावे करता है वही इस बात की सच्चाई नगर निगम ज़ोन 2 के अंतर्गत आने वाले मवैया के गुलजार नगर में दिखाई देती हैं। गुलजार नगर वह छेत्र है जिसे गंदगी से बीमारियां पैदा करने में पहला स्थान दिया जाता हैं। मोहल्ले के अंदर कई जगह भारी मात्रा में कूड़े का जमावड़ा लगा रहता हैं जिसे उठाने कोई भी सफाई कर्मी महीनो तक नहीं जाता हैं। मोहल्ले के ठीक पीछे से गंदा नाला बहता है जिसके किनारों पर कोई भी दीवार नहीं उठाई गई है जिससे मोहल्ले में मच्छर,कीड़े, मकोड़े और गंदी बदबू जैसी कई तरह की समस्याएं निवासियों की रोजमर्रा के जीवन में आती हैं।
छेत्र में बाहर से गंदे पानी का प्रवेश भी है तथा कई जगह सीवर भी भरे पड़े हैं। मोहल्ले के निवासी जब भी अपनी गुहार नगर निगम या मौजूदा पार्षद से लगाते हैं तो उसके बदले में मोहल्ले वालों को झूठे आश्वासन दिए जाते हैं। इस सिलसिले में जब मोहल्ले के लोगों से संवाद किया गया तो उन्होंने बताया कि इस गंदगी के चलते छोटे-छोटे बच्चों को कई बार काफी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। फिलहाल चल रहे डेंगू के प्रकोप में भी नगर निगम की लापरवाही से फैली इस गंदगी की वजह से दर्जन भर लोगों को डेंगू का शिकार होना पड़ा है जिसका दोषी मोहल्ले वालों ने नगर निगम को कहा हैं। निवासियों का कहना है कि नगर निगम के आला अधिकारी तो ऊंची ऊंची इमारतों में बड़ी ही आलीशान जिंदगी जीते हैं लेकिन हम जो गरीब लोग यहां कच्चे मकानों में गुजर बसर कर रहे है है उनकी नजरों में हमारी कोई हैसियत नहीं है। यही वजह है कि अधिकारी यहां की सफाई सूत्राई में ध्यान नहीं देते हैं।