New Ad

ताजमहल के मुख्य गुंबद, चमेली फर्श और आगरा किले में दीवान-ए-खास

0 268

आगरा : ताजमहल के मुख्य गुंबद, चमेली फर्श और आगरा किले में दीवान-ए-खास, मुसम्मन बुर्ज के बाद फतेहपुर सीकरी के स्मारक भी पर्यटकों से दूर हो गए। सैलानी इनकी दीवारों, खंभों को हाथ से छू नहीं पाएंगे। पर्यटक और स्मारकों की दीवारों, महलों के खंभों के बीच तीन से चार फुट की दूरी कर दी गई है ताकि कोई इन्हें हाथ न लगा सके। इससे स्मारकों की पच्चीकारी के पत्थर सुरक्षित रहेंगे और कोरोना संक्रमण से भी बचाव हो पाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने फतेहपुर सीकरी में लकड़ी की रेलिंग स्मारकों की दीवार के आगे लगा दी है, ताकि कोई सैलानी इन्हें छुए नहीं। पंचमहल परिसर में बने दीवान ए खास के बेहतरीन नक्काशी वाले खंभे को पर्यटक न केवल छूते थे, बल्कि फोटोग्राफी भी कराते थे। यहां एएसआई ने चारों ओर से लकड़ी की रेलिंग लगा दी है। इसके साथ ही इसी परिसर में अनूप तालाब, टर्की सुल्ताना महल और दीवान-ए-खास को भी चारों ओर से घेरा गया है। एएसआई ने इस पर 16 लाख रुपये खर्च किए हैं।

अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि मुसम्मन बुर्ज हो या अन्य स्मारक, कई पर्यटक ऐसे आते हैं जो खुरच कर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। इस रेलिंग से वह दीवार से दूर रहेंगे। पर्यटकों को स्मारक देखने हैं। इससे उस पर कोई असर नही पड़ेगा। स्पर्श न करने से अन्य लोग संक्रमण से भी बच पाएंगे।  फतेहपुर सीकरी में दीवान-ए-खास में स्थित पिलर के चारों ओर पत्थर के बेस पर लकड़ी की रेलिंग लगाई गई है। पर्यटक इसे बार बार छूते हैं। यहां एएसआई कांच लगाएगा, ताकि पर्यटक उसे देख तो सकें, पर छू न सकें।  पूर्व में पर्सी पोलिस मकबरे की तर्ज पर ताजमहल पर भी मुख्य मकबरे में ऐसा ही कांच लगाने की योजना थी, लेकिन गाइडों के विरोध के कारण रोकनी पड़ी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.