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सीसीएसयू में नकल करने के तरीकों को देखकर अफसर भी दंग

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मेरठ : इस समय चौधरी चरण सिंह विवि- सीसीएसयू की परीक्षाएं चल रही हैं। सेमेस्टर और प्रोफेशनल कोर्स की परीक्षाओं के बाद अब वार्षिक परीक्षाएं शुरू होने वाली है। इन दिनों चल रही परीक्षाओं में छात्र-छात्राएं नकल के तरीके जिस तरह से अपना रहे हैं, उसे देखकर विश्वविद्यालय के अधिकारी दांतों तले अंगुली दबाने के लिए विवश हैं। अफसर भी रह गए दंग विश्वविद्यालय के सचल दस्ते के अधिकारी इन तरीकों को देखकर अब यह कहने लगे हैं कि इतना दिमाग अगर छात्रों ने पढ़ाई में लगाया होता तो शायद ऐसा नहीं करना पड़ता। अब आप भी सोच रहे हैं कि परीक्षार्थी नकल के लिए किस तरह से अक्ल लगा रहे हैं।

विवि की परीक्षा में एमबीबीएस, बीडीएस से लेकर हर तरह के कोर्स के परीक्षार्थी नकल करते हुए पकड़े जा रहे हैं। ऐसा तरीका अपना रहे छात्र और छात्राएं बीएससी केमिस्ट्री की परीक्षा में एक छात्रा ने हाथ और नेल पर मेहंदी की तरह से पूरा फार्मूला लिखकर लाई थी। वहीं एक छात्र ने अपने शर्ट के कालर पर नकल की सामाग्री लिखकर लाया था। सोमवार को एमबीए के छात्र सफेद रूमाल पर लिखकर लाया था। इससे पहले विवि की परीक्षा में स्मार्ट वाच को गूगल से जोड़कर भी नकल करते छात्र पकड़े गए। नकल रोकने के लिए कर रहे हैं हर जतन विश्वविद्यालय परीक्षा में नकल पर रोक लगाने के लिए हर तरह का प्रयास भी कर रहा है।

जिसके लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी (क्लोज सर्किट कैमरे) भी लगाए गए हैं। हर परीक्षा कक्ष में एक आगे और एक पीछे दो कैमरे लगाए गए हैं। जिसका लिंक सीसीएसयू के कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है। दूसरी ओर विवि की ओर से सचल दस्ते और केंद्रीय सतर्कता दल की टीम गठित की गई है तो वहीं छात्र नए नए तरीके से नकल करके पूरी व्यवस्था को चुनौती भी दे रहे हैं। यूएफएम में होती है कार्रवाई सीसीएसयू की परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े जाने पर छात्रों को यूएफएम (अनफेयर मींस) के तहत कार्रवाई की जा रही है। ऐसे छात्रों का रिजल्ट रोका जाता है। विवि की ओर से उनके नकल की जांच कराई जाती है। उसके बाद यूएफएम में उनका रिजल्ट घोषित किया जाता है। जिसमें नकल के अनुसार दंड के अनुसार रिजल्ट जारी किया जाता है।

 

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