सुल्तानपुर : एक परिवार अपने बच्चे को बचाने के लिये गुहार लगा रहा है। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी यानि एसएमए टाइप 1 नाम की गंभीर बीमारी से ग्रसित इस बच्चे के इलाज के लिये लाख 10 लाख नही बल्कि 16 करोड़ रुपयों की जरूरत है। मात्र कुछ महीनों में अगर ये पैसे नही एकत्रित हुये, और इंजेक्शन नही लगा तो बच्चे की मौत का सामना भी करना पड़ सकता है। लिहाजा बच्चे के माँ बाप उस बच्चे के लिये गोहार लगा रहे हैं। दरअसल नगर कोतवाली के सौरमऊ स्थित बैंक कॉलोनी के रहने वाले सुमित कुमार सिंह यूको बैंक में कर्मचारी है। इनकी पत्नी अंकिता सिंह गृहणी हैं। सुमित के एक 5 साल की बेटी और 8 माह का एक बेटा अनमय सिंह है। करीब 3 माह पहले अनमय की शारीरिक ग्रोथ में कुछ कमी हुई तो सुमित और अंकिता ने इसे डॉक्टरों को दिखाना शुरू किया।
सुल्तानपुर से लखनऊ तक डॉक्टरों के दिखाने पर जब आराम न मिला तो इन लोगों ने दिल्ली के सर गंगा राम और एम्स जैसे बड़े अस्पतालों की ओर रुख किया। वहां दिखाने पर पता चला कि अनमय को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी यानि एसएमए। टाइप वन नाम की वो बीमारी गंभीर बीमारी हो चुकी है जो करोड़ो बच्चों में एकाध को ही होती है। इस बीमारी के लक्षण मात्र 6 माह में ही आने लगते हैं और दो साल के भीतर ही बच्चे की मौत हो जाती है। इस बीमारी में जो इंजेक्शन लगता है उसका दाम सुनकर ही लोगों के होश उड़ जाएंगे। मात्र एक इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है। अगर अनमय को ये इंजेक्शन लग जायेगा तो उसे नया जीवन मिल जाएगा। सुमित की माने तो परिवार, रिश्तेदार और करीबियों के जरिए अभी तक महज साढ़े 36 लाख रुपये ही एकत्रित हो पाए हैं जबकि 16 करोड़ के हिसाब से ये पैसे बहुत ही कम हैं। मां अंकिता भी लोगों से रो रो कर अनमय को बचाने के लिये डोनेट करने की अपील कर रही हैं।
प्रशासन से लेकर शासन तक गोहार लगा रहे हैं, स्वयं सेवी संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों से अनुरोध कर रहे हैं कि उनके बच्चे को बचाने में मदद करें। लोकसभा सांसद मेनका गांधी समेत चार सत्ताधारी विधायक समेत विपक्षी दल सपा के इसौली विधायक मो० ताहिर खां ने भी अभी तक चुप्पी साध रखी है । वहीं मां बाप के अनुरोध पर अब तक कई लोगों ने ऑनलाइन डोनेशन कर दिया है। बॉलीवुड के गीतकार रितेश रजवाड़ा, आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह सहित कई लोगों ने अपने अपने तरीके से डोनेशन देने का अनुरोध भी कर रहे हैं। कोई वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल रहा है तो कोई ट्विटर के जरिये अनमय को बचाने की अपील कर रहे हैं। आप भी जो भी सक्षम हैं वो भी अनमय की मदद की मदद में आगे आएं और एक बच्चे की जान बचाने में अपना योगदान दें। ध्यान रहे बूंद बूंद से सागर भरता है और हम सब बूंद समान ही डोनेट करेंगे तब भी अनमय को नई जिंदगी मिल सकती है।