
PM IN KUWAIT: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को कुवैत की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए हैं, जहां वे देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे। इस दौरे को भारत और कुवैत के बीच साझेदारी को एक नई दिशा देने वाला माना जा रहा है। मोदी ने इस यात्रा से पहले कहा कि भारत और खाड़ी देशों का पश्चिम एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को लेकर साझा हित है। उनकी इस यात्रा का समय काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में सीरिया में राजनीतिक उथल-पुथल और गाजा में बढ़ते तनाव ने क्षेत्रीय स्थिरता को चुनौती दी है।
कुवैत के अमीर महामहिम शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के विशेष निमंत्रण पर हो रहा है। यह यात्रा खास है क्योंकि 43 वर्षों में यह पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री कुवैत जा रहे हैं। इससे पहले 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत का दौरा किया था। इसके अलावा, 1965 में तत्कालीन उप-राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन और 2009 में उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी भी कुवैत की राजकीय यात्रा पर गए थे।
प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा कि कुवैत के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंध पीढ़ियों से मजबूत हैं और दोनों देश व्यापार, ऊर्जा और क्षेत्रीय शांति में घनिष्ठ साझेदार हैं। वे कुवैत के अमीर, युवराज और प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे, ताकि दोनों देशों के बीच सहयोग के नए आयाम स्थापित किए जा सकें।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कुवैत के अमीर महामहिम शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात करेंगे, जो कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समूह है। भारत और कुवैत के संबंध ऐतिहासिक और गहरे हैं जो आर्थिक और सांस्कृतिक जुड़ाव से मजबूत हुए हैं।
1961 में कुवैत की आजादी के बाद भारत ने सबसे पहले राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। आज भारत कुवैत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में शामिल है। प्रधानमंत्री की यह यात्रा दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती और बहुआयामी सहयोग को और ऊंचाइयों पर ले जाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।