बिसवां नगर सीतापुर : जहां एक तरफ सरकार द्वारा कच्चे मकान झोपड़पट्टी में रहने वाले गरीब आवास विहीन लोगों के लिए सरकार द्वारा विभिन्न आवास योजना चलाई गई। वहीं दूसरी तरफ सकरन ब्लाक की ग्राम पंचायत अरूवा के मजरा अहिरन पुरवा निवासी खेमकरण पुत्र सालिक राम को आवास ना मिलने से कठिन मौसम ठंड एवं बरसात का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही पंचायत में दर्जनों लोग आवास पाने की चाह में खुले आसमान तले का जीवन यापन करने में मजबूर है।
ब्लॉक से लेकर जिले तक अधिकारियों के यहां चक्कर लगाते लगाते परेशान हो गए। परंतु आवास ना मिल सका आवास सुनने को मिलता है। पंचायत सचिव एवं प्रधान को जिन लोगों से मोटी रकम मिलती है उन्हें को आवास मिलते हैं। चाहे पात्र हैं अपात्र हो उनको आवास देने में प्रधान एवं पंचायत सचिव कोई झिझक पर नहीं करते हैं और ग्राम पंचायत प्रधान ने पात्रों लोगों ने प्रधान को 2 हजार से दस हजार रुपये आवास देने के लिए पात्रों लोग ने अपने पेड़ एवं जानवरों को बिक्री करके प्रधान को आवास पाने के लिए रुपया दिए फिर भी प्रधान ने अपात्रों को दिया। आवास सरकारी आदेश का कोई माने नहीं रखते हैं। आवास किसको मिलना है या नहीं मिलना है उसमें तीन मूर्तियों की सहमति होती है। पात्रों को कैसे अपात्र बनाया जाता है। ग्राम प्रधान प्रधान मित्र और पंचायत सचिव तीनों का खेल निराला होता है।