लखनऊ: लखनऊ में रहमानखेड़ा इलाके के जंगलों में पिछले 24 दिनों से बाघ घूम रहा है, जिससे आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है. वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए कई उपाय किए, लेकिन अभी तक उसे पकड़ने में कोई सफलता नहीं मिल पाई है. अब, बाघ को पकड़ने के लिए दुधवा नेशनल पार्क से हाथी लाया जा रहा है,
जो बाघ की लोकेशन का पता लगाने में मदद करेगा. बाघ को पकड़ने के लिए 35 लोगों की एक टीम काम कर रही है. इसमें वन विभाग की पांच टीमें, अवध वन प्रभाग की तीन टीमें, और हरदोई व सीतापुर वन प्रभाग की दो टीमें शामिल हैं. इसके अलावा, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की टीम भी बाघ की निगरानी कर रही है. 21 दिसंबर से बाघ को ट्रैंकुलाइज करने के लिए दो वन्य जीव चिकित्सकों की टीम भी काम कर रही है.
रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के जंगल में 12 दिसंबर से बाघ का मूवमेंट देखा गया था. वन विभाग ने ट्रैप कैमरे लगाए, पिंजरे रखे और मचान से बाघ पर नजर रखने की कोशिश की, लेकिन बाघ की लोकेशन का पता नहीं चल पाया. बाघ का ज्यादातर मूवमेंट रात के समय होता है, जिससे उसे पकड़ने में मुश्किलें आ रही हैं. बाघ की मौजूदगी पगमार्क और किए गए शिकारों से स्पष्ट हो चुकी है, लेकिन अभी तक उसे पकड़ने में सफलता नहीं मिल पाई है. वन्य जीव विशेषज्ञों के मुताबिक, बाघ का ज्यादातर मूवमेंट रात के समय होता है, जो उसकी पकड़ में बड़ी रुकावट पैदा करता है.
यह पूरा मामला इस बात का उदाहरण है कि बाघ जैसे जंगली जानवरों की निगरानी और सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन सकती है. वन विभाग और अन्य एजेंसियां लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन बाघ की लोकेशन और पकड़ने में कुछ और समय लग सकता है.
अब तक की कोशिशों के बाद वन विभाग ने दुधवा नेशनल पार्क से हाथी मंगवाने का फैसला लिया है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व से एक टीम और हाथी गुरुवार तक लखनऊ पहुंच जाएंगे. रात में बाघ का मूवमेंट होने के कारण ट्रैंकुलाइज करने में मुश्किलें आ रही हैं. हाथी की मदद से बाघ की लोकेशन का पता लगाने में मदद मिलेगी, क्योंकि बाघ को ट्रैंकुलाइज करने का प्रयास दिन में ही किया जाएगा.