AI & ML:मॉडर्न एजुकेशन में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अब 9वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) पसंदीदा विषय बन चुका है। केंद्र सरकार एआई, वर्चुअल रियलिटी (VR) और मिक्स्ड रियलिटी (MR) जैसी टेक्नॉलजी को स्किल इंडिया इकोसिस्टम में शामिल करके छात्रों को बेहतर करियर ऑप्शन देने के मिशन पर काम कर रही है। CBSE के 98% स्कूलों में IT इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ यह नया सब्जेक्ट अब छात्रों के कौशल को निखारने में मदद कर रहा है।
स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद AI और मशीन लर्निंग (ML) में स्पेशलाइजेशन के साथ बैचलर ऑफ साइंस (BSc) का कोर्स भी कर रहे हैं। NCERT की 11वीं क्लास की कंप्यूटर साइंस की किताबों में AI और ML को शामिल किया गया है। यूनिवर्सिटी लेवल पर AI के अलावा 3D मशीनिंग, बिग डेटा एनालिसिस, ML, ड्रोन टेक्नॉलजी का विकल्प दिया जा रहा है।
सीबीएसई ने अपने स्कूलों में 2019 में AI सब्जेक्ट की शुरुआत की थी। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 2024-25 के सत्र में 4538 स्कूलों के करीब 7,90,999 छात्रों ने 9वीं-10वीं में AI ऑप्शन सेलेक्ट किया। 944 स्कूलों के 5,0343 छात्रों ने सीनियर सेकंडरी लेवल पर यह विषय चुना है। स्कूली स्तर पर स्किल इंडिया मिशन के तहत सबसे ज्यादा छात्र इस विषय को चुने रहे हैं।
सीबीएसई ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे अपने यहां मिनिमम आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर को जरूर तैयार करें, ताकि AI और आईटी बेस्ड कोर्सेज को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। आईटी बेस्ड कोर्सेज लागू करने वाले स्कूलों की संख्या में हर वर्ष इजाफा हो रहा है और शिक्षा मंत्रालय नियमित आधार पर इसकी समीक्षा भी कर रहा है। सीबीएसई के करीब 98% स्कूलों में मिनिमम आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो चुका