कन्नौज: जिले में एक महिला किसान ने अपने खून पसीने की मेहनत की मेहनत से अपनी बेटी के लिए फसल बोई थी जिसको स्थानीय प्रशासन ने ग्राम समाज की जमीन पर अवैध बोल कर उसको कटवा लिया अपनी बेटी की शादी के सपने को टूटता हुआ देख तो उससे सहन नही हुआ। महिला किसान जब अपनी आंखों के सामने अपनी बेटी के अरमान को कटता हुआ देखा तो देखते ही देखते महिला किसान बेसुध होकर जमीन पर बेहोश हो गई और उसकी बेटी उसको गोद में लिए रो-रो कर गिड़गिड़ाती रही लेकिन स्थानीय प्रशासन का मन नहीं पसीजा और करीब 1000 बीघा ग्राम समाज की जमीन पर खड़ी फसल को एसडीएम उमाकांत तिवारी ने अपने सामने ही कटवा दिया।
अवैध कब्जे को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार लगातार अभियान चला रही है और अवैध रूप कब्जा किये हुए जमीनों को कब्जा मुक्त करा रही है ऐसे में कन्नौज जिले में ग्राम समाज की हजारों बीघा जमीन पर गांव के लोगों ने ही फसल को बो दिया। गांव के लोगों आज जब अपनी फसल को काटता हुआ देखा तो उनसे सहा नहीं गया एसडीएम उमाकांत तिवारी तिर्वा क्षेत्र के खानपुर गांव में ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने गए थे लेकिन वहां पर ग्रामीणों ने फसल बोई हुई थी जिसको एसडीएम उमाकांत तिवारी ने स्थानीय प्रशासन की मदद से कटवा कर अपने कब्जे में ले लिया। यह फसल करीब 10 किसानों और उनके परिवार ने बोई थी। किसानों ने अपने खून पसीने की कमाई और मेहनत उसमें लगाई हुई थी अपनी मेहनत और अपनी कमाई जाता देख कई किसान बेसुध होकर गिर गए लेकिन वही एक महिला किसान जिसका नाम बेबी है
उसने अपनी बेटी की शादी के लिए कड़ी मेहनत करके धान की फसल को बोया था फसल कटने का समय आ गया था फसल कटने के बाद वह उसी के पैसों से अपनी बेटी की धूमधाम से शादी करना चाहती थी लेकिन फसल को एसडीएम ने अपने कब्जे में ले लिया उसको जाता देख महिला के साथ बेसुध होकर बेहोश हो गई सभी किसान रोते गिड़गिड़ाते रहे लेकिन स्थानीय प्रशासन ने किसी की एक न सुनी और पूरी की पूरी फसल कटवा डाली। मामले की जानकारी सपा नेता नवाब सिंह यादव को लगी तो वह भी मौके पर पहुंच गए और फसल काटने वाली मशीन के आगे लेट गए और जमकर नारेबाजी की वहीं नवाब सिंह यादव ने एसडीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा तो कोई कर ही सकता अगर फसल खड़ी थी उसका आधा हिस्सा तो किसान को मिलना ही चाहिए उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार यादवों को निशाने पर ले रही है
यादव भी इस देश का नागरिक है लेकिन यह लोग देशद्रोही साबित करने पर तुले हुए हैं ग्राम समाज की जमीन सरकारी होती है उस पर ग्रामीणों का ही हक माना जाता है ऐसे में गरीब तबके के ग्रामीणों ने अगर खाली पड़ी जमीन पर फसल को बो दिया था तो सरकार फसल को कटवा कर उनके हवाले कर देती और जमीन को अपने कब्जे में ले ली थी लेकिन तानाशाही दिखाते हुए खड़ी हुई फसल को कटवा कर अपने कब्जे में ले लिया इसी फसल के सारे किसान के छोटे बड़े सपने संजोते हैं जब फसल ही नहीं रहेगी तो उसे आमदनी नहीं आएगी कहां से उसके सपने और उसकी जरूरतें पूरी होगी किसान भुखमरी की कगार पर आ जाएगा । और एक महिला ने तो इसी फसल के सहारे अपनी बेटी की शादी का सपना संजोया था वह भी टूट गया वही मामले पर एसडीएम ने बताया कि अवैध रूप से ग्राम समाज की जमीन जमीन पर ग्रामीणों द्वारा कब्जा किया गया था जिसको कब्जा मुक्त करा लिया गया