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पुलवामा शहीद की पत्नी आगरा में धरने पर बैठीं बोलीं मांग पूरी नहीं होने तक यहीं पति की प्रतिमा के आगे बैठी रहूंगी।

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आगरा : राष्ट्रभक्ति के नाम पर वोट मांगने वाले अब शहीदों के परिजनों से मुँह फेरते नजर आ रहे है। पुलवामा हमले में शहीद कौशल कुमार की पत्नी ममता रावत आगरा में पति की प्रतिमा के सामने गुरुवार को रात भर धरने पर बैठी रही। उसके बाद परिवार के साथ वहीं पर सो गई।आज भी वह धरने पर बैठी हुई हैं।

शुक्रवार को योगी यूथ ब्रिगेड और अन्य संगठनों के पदाधिकारी शहीद की पत्नी का समर्थन करने उनके निवास पर पहुंचेंगे। गुरुवार को एडीएम सिटी, सीओ सदर और उपजिलाधिकारी समेत कई अधिकारी शहीद की पत्नी से मिलने पहुंचे थे। ममता शिक्षा विभाग द्वारा परिवार की सहायता के लिए एकत्र की गई धनराशि परिवार को न देने पर सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार भी लगा चुकी हैं।

2 साल बाद भी नहीं मिली शहीद के परिवार के सहायता राशि

शिक्षकों और कर्मचारियों की इस मदद से 65 लाख 57 हजार की धनराशि एकत्र की गई थी। लेकिन दो साल बाद भी नहीं मिली। शहीद की पत्नी ने बीते 24 जून को सरकार पर कई आरोप लगाए थे। साथ ही जल्द मांग पूरी न होने पर आत्महत्या करने की बात भी कही थी। ममता रावत मांग पूरी न होने पर गुरुवार को परिवार के एक दर्जन लोगों के साथ पति की प्रतिमा के आगे धरने पर बैठ गई हैं।

शहीद की पत्नी धरने पर बैठी रही, डिप्टी सीएम को जानकारी नहीं

वहीं गुरुवार को डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा आगरा के दौरे पर थे। डिप्टी सीएम से जब शहीद की पत्नी के धरने पर बैठने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। शहीद की विरांगना से मिलने के सवाल पर उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि उनसे ोन पर बात कर लूंगा।

शहीद की पत्नी से मिलने की बजाय प्रीतिभोज को तवज्जो

आगरा दौरे पर पहुंचे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने शहीद की पत्नी से मिलने की बजाय, उसकी समस्या सुनने की बजाय नवनिर्वाचित जिलापंचायत अध्यक्ष द्वारा आयोजित प्रीतिभोज में जाने को ज्यादा तवज्जो दी। बताया जा रहा है कि जहां डिप्टी के सीएम के जाने का कार्यक्रम है वहीं से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर शहीद की पत्नी अपने पूरे परिवार के साथ अनशन पर बैठी है।

14 फरवरी 2019 को कौशल रावत पुलवामा हमले में हुए थे शहीद

14 फरवरी 2019 के दिन पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। उस हमले में भारतीय सेना के 40 से ज्यादा योद्धा शहीद हुए थे

कौशल के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं

कौशल के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। इतना ही नहीं अब सरकारी लापरवाही के चलते इस परिवार के सब्र का बांध भी टूट सा गया है। शहीद की पत्नी ममता की मानें तो योगी सरकार ने जरूर उस समय 25 लाख रुपये की मदद देने की पेशकश की थी और साथ ही शहीद स्मारक बनाने और सड़क का नाम शहीद कौशल कुमार रावत के नाम पर रखने की घोषणा की थी, लेकिन शहीद के परिवार की माने तो 25 लाख रुपय की मदद के बाद सरकार सब कुछ भूल गई।

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