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ईरान की ताकत देख काँप उठी दुनिया

IRAN ATTACKS ON ISRAEL

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IRAN VS ISRAEL : ईरान ने मंगलवार 1 अक्टूबर को देर रात इजरायल पर 200 के करीब बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। देखते ही देखते इजरायल का पूरा आसमान मानो जैसे आग की लपटों में समा गया हो। ईरान ने इस हमले को हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह और हमास लीडर इस्माइल हानिया की मौत का बदला बताया है। वहीं, नेतन्याहू ने ईरान को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी। ईरान ने इस हमले को ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस-II’ नाम दिया है। इजरायल पर हमला करने के लिए ईरान ने बैलिस्टिक से हापरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल किया है। तो चलिए जानते हैं कि ईरान ने हमले के लिए किन-किन मिसाइल का प्रयोग किया है और ये कितनी ताकतवर हैं और इनकी मारक क्षमता कहां तक हैवहीं, ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने बताया, ‘हमने इजरायल के तीन सैन्य ठिकानों को टारेगट किया। इसमें नेवातिम, जिसमें एफ-35 विमान हैं, नेत्जारिम, जिसमें (हिज़्बुल्लाह नेता) सैय्यद हसन नसरल्लाह की हत्या में इस्तेमाल किए गए एफ-15 जेट रखे गए थे, और तेल अवीव के पास तेल नोफ बेस को फतेह हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया।

  • ईरान और इजरायल में कौन ज्यादा ताकवतर? किसके पास कौन सा हथियार, कितने सैनिक?

सेना: पहले ईरान (Iran Army) की बात करते हैं, जिसकी आबादी करीब 9 करोड़ के आसपास है। ईरान की कुल जीडीपी 413 बिलियन डॉलर की है. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के मुताबिक ईरान का रक्षा बजट 7.4 बिलियन डॉलर है जो जीडीपी के मुकाबले दो प्रतिशत के आसपास बैठता है। ईरान दुनिया की 14वीं सबसे बड़ी मिलिट्री ताकत है और मिडिल ईस्ट में सबसे बड़ी सैन्य ताक।

हथियार: ईरान की सबसे बड़ी ताकत उसकी बैलेस्टिक मिसाइलें हैं। अमेरिकी खुफिया निदेशालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे मिडिल ईस्ट में ईरान ऐसा देश है, जिसके पास सबसे ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें हैं।बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1980 के दशक में पड़ोसी देश इराक से लड़ाई के दौरान ईरान ने अपने मिसाइल सिस्टम पर काम करना शुरू किया और फिर अगले एक दशक में उसने छोटी दूरी की सैकड़ों मिसाइलें डेवलप की।
हाइपरसोनिक मिसाइल: ईरान ने इस बार इजरायल पर जिन हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया है, उसे पिछले साल जून में ही दुनिया के सामने रखा था। यह साउंड की स्पीड के मुकाबले 5 गुना तेजी से चलती हैं और इनको इंटरसेप्ट करना बहुत मुश्किल है। इसके अलावा ईरान पूरे मिडिल ईस्ट में ड्रोन का सबसे बड़ा प्रोड्यूसर है।उसके पास Mohajer-10 नाम का ड्रोन है जो 2000 किलोमीटर तक जा सकता है और 200 किलो वजनी वेपन ले जा सकता है।
एयरफोर्स और नेवी: ईरान के पास 273 फाइटर जेट और लड़ाकू एयरक्राफ्ट हैं. इसके अलावा 50 से ज्यादा हेलीकॉप्टर 240 ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर, 1783 टैंक, 572 बख्तरबंद गाड़ियां हैं। इजरायल के मुकाबले ईरान की नौसेना आधुनिक नहीं है।लेकिन उसके पास 220 के आसपास जहाज हैं। जबकि इजरायल के पास 60 जहाज ही हैं।

परमाणु हथियार: दावा यह भी किया जाता है कि ईरान के पास परमाणु हथियार हैं. हालांकि ईरान ने कभी खुलकर न तो माना है और न तो कभी इसकी पुष्टि हो पाई है।
कितना ताकतवर है इजरायल?
सेना: ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली आर्मी दुनिया की 20वीं सबसे ताकतवर आर्मी है।इजरायली सेना में 169,500 एक्टिव सैनिक हैं तो 465,000 रिज़र्व यूनिट में। कुल मिलाकर 634500 सैनिक हैं।सैनिकों के मामले में वह ईरान से पीछे है।इजरायल का डिफेंस बजट ईरान के मुकाबले 7 गुना ज्यादा है इजरायल के पास कम से कम एक दर्जन परमाणु हथियार हैं। इसराइल ने भी कभी खुलकर नहीं माना है कि उसके पास न्यूक्लियर वेपन है लेकिन तमाम डिफेंस एक्सपर्ट्स और थिंक टैंक ने इसकी पुष्टि की है। ग्लोबल फायर पावर की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली आर्मी के पास कम से कम 241 लड़ाकू जेट, 48 लड़ाकू हेलिकॉप्टर और 2200 के आसपास टैंक हैं।नेवी की बात करें तो इजराइल के पास कम से कम 7 युद्धपोत और छह पनडुब्बियां हैं।
हथियार: इजरायल के डिफेंस सिस्टम और हथियारों की बात करें तो आयरन डोम और डेविड्स स्लिंग जैसे एयर डिफेंस सिस्टम उसकी सबसे बड़ी ताकत हैं।जो लॉन्ग रेंज से लेकर छोटी दूरी की मिसाइलों, रॉकेट और ड्रोन को हवा में ही मार गिराते हैं।इसके अलावा इजरायल के पास 1200 से अधिक तोपखाने, मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम और स्मार्ट बम जैसे हथियार भी हैं, जो टारगेट पर अचूक निशाना लगाते हैं।

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