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जो कभी किसी के काम आए नहीं, बस समय काटना व्यर्थ है जिंदगी: प्रकाश खसपरिया धाम में कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

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बाराबंकी(सिटीजन वॉयस संवाददाता) : ठाकुर गुरुसरन बेलवा आश्रम गढी सफेदाबाद रुस्तमपुर खसपरिया धाम में आयोजित विराट कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवियत्री लता श्रीवास्तव व सफल संचालन ओज के जाने-माने हस्ताक्षर पं राम किशोर तिवारी किशोर द्वारा किया गया। कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि प्रमोद तिवारी जिला उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी ने अपने उद्बोधन में साहित्य को समाज का दर्पण बताते हुए कहा साहित्यिक आयोजनों में साहित्यकार वर्तमान में जो कुछ चल रहा होता है उसको अपने शब्दों के माध्यम से पिरोते हैं तथा समाज को चिंतन के लिए मजबूर भी करते हैं। हास्य कवि जमुना प्रसाद अबोध द्वारा पंक्तियां प्रस्तुत की गई जहां पर धर्म होता है वहीं पर धाम होते हैं, जो मरते दूसरों पर हैं उन्हीं के नाम होते हैं। वीर रस के कवि वेद प्रकाश सिंह प्रकाश द्वारा जिंदगी की परिभाषा पर पंक्तियां प्रस्तुत की गई जो कभी किसी के काम आए नहीं, बस समय काटना व्यर्थ है जिंदगी। देश के जाने माने संचालक पंडित राम किशोर तिवारी किशोर द्वारा वीर रस की कविताएं प्रस्तुत करते हुए नौनिहालों पर पंक्तियां दी गई नौनिहाल भूखे पेट सोते हैं यहां , ध्रुव प्रहलाद प्लेट धोते हैं यहां, गली गली कूड़ा बीनता है बचपन, चिथडो से अपना ढके हुए हैं तन। व्यंग्यकार अनिल श्रीवास्तव लल्लू ने पंक्तियां प्रस्तुत की शराबी की दुकान पर मेला लगा है,

टिक्की बताशो कै ठेला लगा है, लल्लू लगे हैं औ जगधर लगे हैं, लाइन मा बाबा कै चेला लगा है। कवियत्री लता श्रीवास्तव ने गीत गजल प्रस्तुत करते हुए पंक्तियां दी जा रे जा रे पवन पुरवाई लेके आ जा उनका संदेश, तू पूछ के आना इतना क्यों आए ना मेरे देश। नवोदित कवि अंकित सिंह द्वारा मां के सम्मान में कविता प्रस्तुत की गई आपके ही चरण में रहूं मेरी मां, तेरे चेहरे को देखूं जीयू मेरी मां ।इस अवसर पर खसपरिया धाम महिला स्वयं सहायता समूह एवं प्रयास ट्रस्ट दिव्यांग शिक्षा सदन खसपरिया धाम परिवार द्वारा स्वयं निर्मित दीपको को प्रकाशमान किया गया। अनीता शुक्ला एवं उनकी सहयोगी महिलाओं द्वारा साहित्यकारों का अभिनंदन रोली चंदन व मुख्य अतिथि द्वारा अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया । संयोजक अमरेंद्र सिंह द्वारा सभी साहित्यकारों का स्वागत वंदन अभिनंदन करते हुए निरंतर प्रत्येक वर्ष काव्य उत्सव आयोजित करने की कामना की गई एवं आए हुए साहित्यकारों मुख्य अतिथि व श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया गया।

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