लखनऊ : कशिश आर्टस् एंड वेलफेयर सोसाइटी की ओर से तीन दिवसीय नाट्य समारोह सोमवार को गोमतीनगर के भारतेन्दु नाट्य अकादमी के बी.एम.शाह प्रेक्षागृह में शुरू हुआ।
कशिश आर्टस एवं वेलफेयर सोसाइटी की ओर से मशहूर नाट्य लेखक मोहन राकेश की विश्व प्रसिद्ध रचना आधे-अधूरे का प्रभावी मंचन रत्ना अग्रवाल के निर्देशन में किया गया।
भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय-संस्कृति विभाग-नयी दिल्ली के सहयोग से मंचित हुई इस नाट्य प्रस्तुति में मध्यम वर्गीय परिवार में आंतरिक कलह और उलझते रिश्तों के साथ-साथ समाज में स्त्री-पुरुष के बीच बदलते परिवेश और एक-दूसरे से दोनों की अपेक्षाओं को प्रभावी रूप में पेश किया गया। कथानक के केन्द्र में महेन्द्रनाथ है जो बहुत समय से व्यापार में असफल होकर घर पर बेकार बैठा है जबकि उसकी पत्नी सावित्री नौकरी करके घर चलाती है।
उन दोनों की कलह का प्रतिकूल प्रभाव उनके बच्चों पर भी पड़ता है और पूरा परिवार बिखर जाता है। नाटक प्रगतिशील और स्वतंत्र विचारों की झूठी उड़ान के बजाए जिम्मेदारियों का आपसी सामंजस्य के साथ निभाने का संदेश कुशलता के साथ देता है।
मंच पर सावित्री की भूमिका में रत्ना अग्रवाल, महेन्द्रनाथ, सिंघानिया, जगमोहन, जुनेजा इन चारों की भूमिका में अमरीश आर्यन, बिन्नी की भूमिका में साक्षी मूल चन्दानी, किन्नी की भूमिका में संजना दुबे और अशोक की भूमिका में अक्षयदीन गौड़ ने बेहतरीन अभिनय किया। शहीर अहमद ने मुख सज्जा, तमाल बोस ने प्रकाश परिकल्पना, स्वपनिल अग्रवाल ने संगीत संचालन और सेट निर्माण का दायित्व आशुतोष विश्वकर्मा ने संभाला। जबकि दृश्य परिकल्पना और निर्देशन रत्ना अग्रवाल का रहा।