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यूपी विधानसभा मानसून सत्र: विपक्ष के हंगामे के बाद 15 मिनट के लिए सदन स्थगित

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यूपी : विधानसभा में तीसरे दिन कार्यवाही शुरू हो गई है। सबसे पहले पूर्व सदस्य वीरेंद्र सिंह , कुंवर बहादुर सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सदन में सपा ने खराब क़ानून व्यवस्था पर शोर शराबा, नारेबाजी शुरू कर दी। सपा सदस्य वेल में आ गए। सरकार पर विपक्ष का आवाज़ दबाने का आरोप लगाया। संसदीय कार्य मंत्री ने हंगामे पर कहा ये आतंकवादियो के समर्थक हैं। इनकी सरकार में आतंकियों के मुक़दमे वापस लिए गए। विधान सभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित की।

कोरोना संक्रमण, कानून-व्यवस्था व विधायक निधि खत्म किए समेत कई अहम मुद्दों की गूंज रहेगी। इन सवालों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। ऐसे में सदन में इन पर जोरदार हंगामें के आसार हैं। शुक्रवार को विधानपरिषद में सपा व कांग्रेस ने अपने तीखे तेवर दिखा दिए हैं।

विधानसभा में शुक्रवार के लिए तय विधायी कार्य अब शनिवार को लिए जाएंगे। समाजवादी पार्टी ने सदन में इन मुद्दों को उठाने की तैयारी कर ली है। प्रश्नकाल के अलावा शून्यकाल में नियम-56 में भी मुद्दे उठाए जाएंगे। वैसे विधायक निधि खत्म किए जाने को लेकर सदस्यों में खासी बेचैनी है। विपक्ष के सदस्य इस मुद्दे को उठा सकते हैं। सरकार ने कोरोना संकट काल को देखते हुए विधायक निधि स्थगित कर रखी है।

विधायक चाहते हैं कि यह निधि बहाल हो ताकि जनता की मांग पर स्थानीय जरूरतों वाले विकास के काम कराए जा सकें। कानून-व्यवस्था का सवाल तो विधानसभा के हर सत्र में उठता रहा है। इस बार भी विपक्ष इस मौके पर चूकेगा नहीं। इसके अलावा बाढ़ की स्थिति, गन्ना किसानों के बकाया, किसानों की बदहाली के अलावा कोरोना संक्रमण से जुड़ी मुश्किलों को लेकर भी सदन में चर्चा हो सकती है।

लंबे समय बाद शनिवार को बैठक

विधानसभा में लंबे समय बाद शनिवार को बैठक हो रही है। सामान्यत: शनिवार व रविवार को सदन की बैठकें नहीं होती है। सार्वजनिक अवकाश पर बैठके नहीं होती हैं लेकिन अध्यक्ष विशेष परिस्थिति में बैठक बुला सकते हैं। विधानसभा के अध्यक्ष रहे केसरी नाथ त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल में कुछ मौकों पर शनिवार को सदन बुलाया था। इस बीच शुक्रवार को जब विधायक जन्मेजय सिंह के निधन की खबर मिली तो दस बजे अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलाई। तय हुआ कि शनिवार को सदन बुलाया जाए और शुक्रवार का काम शनिवार को सम्पन्न कराया जाए।

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