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उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना एवं मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की बैठक सम्पन्न

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सीतापुर : जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना एवं मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि शासन की महत्वाकांक्षी दोनों योजनाओं से शप्रतिशत पात्रों को लाभान्वित किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि लम्बित आवेदनों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण सुनिश्चित कराया जाये। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि सभी श्रेणियों की पात्र कन्याओं की सूची संबंधित अधिकारी संकलित करें एवं तद्नुसार सभी पात्रों के आवेदन पत्र भरवाकर उन्हें लाभान्वित किया जाये। साथ ही अपात्र कन्याओं के अपात्र होने का कारण स्पष्ट रूप से सूची में अंकित किया जाये।

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने प्रस्तुत किये गये सभी आवेदनों की समीक्षा की तथा पात्रों को शीघ्र लाभान्वित कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोरोना महामारी के दृष्टिगत निराश्रित हुये बच्चों के पुर्नवास एवं संरक्षण के उद्देश्य से चलायी गयी है। विगत एक वर्ष में देश-विदेश में कोविड-19 महामारी का प्रकोप लगातार बना हुआ है। उक्त में जोखिम में आने वाले ऐसे सभी बच्चों जिनके माता/पिता अथवा दोनों की कोविड-19 महामारी के संक्रमण/प्रभाव से मृत्यु हो गयी है तथा इन बच्चों के कोई करीबी अभिभावक न हों अथवा होने के बाद भी उन्हें अपनाना न चाहें या अपनाने में सक्षम न हों, के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान करना उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य है।

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि योजना में 18 साल तक के ऐसे बच्चे शामिल किए जाएंगे, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोरोना से हो गयी हो। या फिर माता-पिता में से एक की मृत्यु एक मार्च 2020 से पहले हो गई हो और दूसरे की मृत्यु कोविड काल में हो या फिर माता-पिता दोनों की मृत्यु एक मार्च 2020 से पहले हो गई थी और वैध संरक्षक की मृत्यु महामारी से हुई हो। इसके अलावा शून्य से 18 साल के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोरोना काल में हो गई हो और वह परिवार का खर्च चलाने वाला रहा हो। साथ ही वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आय दो लाख रुपये प्रतिवर्ष से अधिक न हो, को भी योजना में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी एवं आवेदन के लिये जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है। बैठक के दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी अश्वनी कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकपूर सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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