New Ad

यूपी बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं का करीब 100 करोड़ रुपए हड़पा

0

50 लाख से अधिक उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी जीरो फीड कर कई वर्षों से नहीं दिया ब्याज

उत्तर प्रदेश उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से की मुलाकात

लखनऊ : उत्तर प्रदेश उपभोक्ता परिषद ने बिजली विभाग पर प्रदेश के 50 लाख से अधिक उपभोक्ताओं की जमा सिक्योरिटी पर करीब 100 करोड़ रुपए का ब्याज हड़पने का आरोप लगाया है। परिषद का कहना है कि बिजली विभाग ने इन उपभोक्ताओं द्वारा कनेक्शन लेते समय जमा की गई सिक्योरिटी मनी में घपला किया है। 50 लाख से अधिक उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी मनी जीरो या फिर 1 पैसा दर्ज की गयी है। जिसके चलते इन लाखों उपभोक्ताओं को जमा सिक्योरिटी पर बिजली विभाग ने वर्षों से ब्याज भी नहीं दिया है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने मंगलवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात इस संबंध में ज्ञापन सौंपा।

परिषद ने उपभोक्ताओं को उनका पैसा वापस दिलाने की मांग की है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष की बातें सुनने के बाद ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सभी उपभोक्ताओं के साथ न्याय होगा। श्रीकांत शर्मा ने उत्तर प्रदेश पाॅवर कारपोरेशन के अध्यक्ष को निर्देश दिया है कि उपभोक्ता हित में उचित कदम उठाएं। ऊर्जा मंत्री से मिलने के बाद उपभोक्ता परिषद् ने निदेशक वाणिज्य से भी मुलाकात और पूरे मामले पर चर्चा की। निदेशक वाणिज्य ने कहा कि परिषद के प्रस्ताव पर जल्द फैसला लिया जाएगा। उपभोक्ताओं का जो भी ब्याज होगा, वह वापस किया जाएगा।

परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि बिजली कनेक्शन लेते समय विद्युत भार के अनुसार फीस में ही उपभोक्ताओं से सिक्योरिटी मनी जमा करा ली जाती है। लेकिन पिछले 5 वर्षों में बिजली विभाग ने अपने सॉफ्टवेयर में 50 लाख से अधिक उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी मनी फीड ही नहीं की है। यह घोर अनियमितता है। श्री वर्मा ने कहा कि यह उपभोक्ताओं के अधिकार के साथ खिलवाड़ है।

बिजली कंपनियों ने ऐसा लगाया चूना

शक्ति भवन में ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा को सौंपे गए जनहित लोक महत्व प्रस्ताव में उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि बिजली विभाग की धोखाधड़ी से लाखों उपभोक्ताओं का करोड़ों रुपया हड़प लिया गया। बिजली कंपनियों ने इन उपभोक्ताओं को पिछले 5 वर्षों से सिक्योरिटी मनी पर ब्याज नहीं दिया है। परिषद ने कहा कि यह अवधि बढ़ भी सकती है। क्योंकि शहरी उपभोक्ताओं की वर्ष 2011 से और ग्रामीण ग्रामीण उपभोक्ताओं की अक्टूबर 2016 से सिक्योरिटी जीरो फीड की गयी है। ऐसे में यदि सभी उपभोक्ताओं को 2 किलोवाट का भार मानकर और उनके द्वारा जमा सिक्योरिटी 600 रुपए मानकर जमा सिक्योरिटी करीब 300 करोड़ हुई।

इस पर 6 प्रतिशत की दर से हर वर्ष करीब 18 करोड़ रुपए का ब्याज मिला। जो कंपनियों ने उपभोक्ताओं को नहीं दिया। यदि 5 वर्ष का कुल ब्याज निकाला जाय तो लगभग 90 करोड़ होगा। इसे तुरंत उपभोक्ताओं को वापस किया जाए। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पूरे मामले पर गम्भीरता से चर्चा की। इसके बाद उन्होंने उपभोक्ता परिषद् केे प्रस्ताव पर पावर कार्पोरेशन को उपभोक्ता हित में गम्भीरता पूर्वक विचार करने का निर्देश दिया

Leave A Reply

Your email address will not be published.