लखनऊ; उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए राज्य में 15 डिस्ट्रिक्स में नोडल ऑफिसर्स बनाए गए हैं इन ऑफिसर्स के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीटिंग की। मीटिंग में नोडल ऑफिसर्स को जिलों में कैंप करने जाने से पहले स्टेट गवर्नमेंट के कोरोना से लड़ने के प्लान के बारे में बताया गया।
योगी सरकार ने लॉकडाउन के बीच एक बहुत ही बड़ा फैसला भी इस मीटिंग में लिया है। दूसरे राज्यों में फंसे यूपी के मजदूरों के लिए योगी सरकार ने फैसला किया है कि अब उन्हें वापस यूपी लाया जाएगा। योगी सरकार के इस फैसले के बाद अन्य राज्यों में 14 दिन का क्वारंटाइन पूरा कर चुके मजदूरों की घर वापसी होगी।
सीएम योगी ने अन्य राज्यों के लिए नामित नोडल अधिकारियों अन्य राज्यों में क्वारंटाइन पूरा कर चुके यूपी के मजदूरों की लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। ये मजदूर दूसरे राज्य सरकारों के सहयोग से यूपी बॉर्डर तक आएंगे. इसके बाद सभी की थर्मल स्क्रीनिंग होगी. पूल टेस्टिंग के लिए संदिग्ध मजदूरों के सैम्पल लिए जाएंगे।
बॉर्डर से संबंधित जिलों तक सरकार बस परिवहन सुविधा मुहैया कराएगी। संबंधित जिलों के शेल्टर होम में भी मजदूर 14 दिन का क्वारंटीन पूरा करेंगे। 14 दिन का क्वारंटीन पूरा होने के बाद सभी मजदूर अपने घर जा सकेंगे। इतना ही नहीं इन मजदूरों को राशन किट और एक हजार रुपये भरण-पोषण भत्ता भी दिया जाएगा।
मीटिंग के दौरान CM ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों, हर हाल में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने, सभी जरूरतमंदों को भोजन मिलने और राशन समेत दूसरे जरूरी सामान की सप्लाई बनाए रखने को प्रमुखता देने की बात कही। साथ ही योगी ने नोडल ऑफिसर्स को कहा कि 20 से ज्यादा मरीजों वाले 15 जिलों में ग्राउंड लेवल पर इन योजनाओं को सही तरीके से एक्शन में लाने की जिम्मेदारी उनकी है.
इस प्लान को चलाने और डिस्ट्रिक्ट लेवल पर बरती जा रही किसी भी लापरवाही को लेकर सभी नोडल ऑफिसर्स अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे। सभी 15 जिलों के लिए नोडल ऑफिसर्स के तौर पर मेन सेक्रेटरी / कमिश्नर लेवल के IAS ऑफिसर्स, IG लेवल के पुलिस ऑफिसर्स और हेल्थ डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स को नॉमिनेट किया गया है