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कलेक्ट्रेट पहुंचे मगोर्रा के ग्रामीण डीएम से की शिकायत

आवंटित जमीन पर अवैध कब्जे को हटवाने की कर रहे हैं मांग

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मथुरा। गोवर्धन क्षेत्र की ग्राम पंचायत मगोर्रा से बडी संख्या में महिला पुरूष शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे। इन लोगों का आरोप है कि पुलिस और तहसील के कर्मचारी मिल कर उनके लिए आवंटित हुई जमीन पर कब्जा नहीं दिला रहे हैं। कर्मचारियों की उस पक्ष के साथ मिलीभगत है जिस पक्ष ने आवंटित जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। बालाजी, जगवीर, बाबू लाल, मिथलेश, रामवती, प्रियंका, रजनी, लोकेश, लखमी, ब्रज मोहन, प्रेमचंद कन्हैया लाल, दिगम्बर, सुरेश कोमल, धर्मेन्द्र कुमार एड., राजू आदि के साथ बडी संख्या में लोग कलेक्ट्रेट पहुचे थे। इन लोगों ने आरोप लगाया कि गांव मगोर्रा में 2007 में जाटव समाज के लिए जमीन आरक्षित की गई थी। 30 दिसम्बर को गोवर्धन तहसील से राजस्व विभाग की टीम जमीन की पेमाईश के लिए आई थी। जिस पक्ष का कब्जा है उन लोगों ने पैमाइश का विरोध किया और महिलाओं को आगे कर दिया। टीम पैमाइश किये बिना ही वापस लौट गई। पुलिस ने विरोध करने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। इन लोगों ने क्षेत्रीय लेखपाल पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया। कलेक्ट्रेट पहुंचे लोगों का आरोप है किइस जमीन पर गांव के अन्य लोगों का कब्जा है। वह इस जमीन को समाज के सुपुर्द नहीं कर रहे हैं। मामले को लंबित रखने और कब्जे को इसकी आड में बरकरार रखने के लिए इन लोगों ने न्यायालय में वाद भी दायर किया था। जिससे कानूनी पचड़े में जमीन उनके कब्जे में बनी रहे। न्यायालय द्वारा वाद खारिज कर दिया गया है, इस लिए अब कोई विवाद भी नहीं है। एकत्रित हुए लोगों ने मांग की कि प्रशासन जमीन को कब्जा मुक्त कराए और जिन लोगों के लिए यह जमीन आवंटित हैं उन्हें उपलब्ध कराई जाए। समाज को बारात घर के लिए जमीन की आवश्यक्ता है। जब भी गांव में कोई सामाजिक कार्यक्रम होता है तो समाज के पास इतनी जगह नहीं है कि नाते रिश्तेदारों को ठीक से बिठाया भी जा सके।

 

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