लखनऊ: लालबहादुर शास्त्री, भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री थे।
इस प्रमुख पद पर उनका कार्यकाल अद्वितीय रहा था
लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर देश ने एक वक्त का खाना छोड़ दिया था
हमारे देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे लाल बहादुर शास्त्री जी
अन्न शास्त्री क्या है ? क्या आप जानते है
एक गौरवपूर्ण कहानी लाल बहादुर शास्त्री जी की है
लाल बहादुर शास्त्री जी हमारे प्रधान मंत्री बहुत विनम्र एवं स्वाभिमानी थे
शास्त्री अन्न क्या होता है?
1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध में अमरीकी राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने शास्त्री जी को धमकी दी थी अगर आप ने युद्ध बंद नहीं किया तो PL 480 के तहत गेहूं भेजते है उसे बंद कर देंगे
उस समय भारत गेहूं के उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं था शास्त्री जी को यह बात बहुत चुभी थी शास्त्री जी बहुत स्वाभिमानी थे
शास्त्री जी ने अपनी धर्मपत्नी से कहा की “क्या ऐसा हो सकता है की आप भोजन एक समय बनाए
शास्त्री जी को अमेरिका की धमकी को लेकर बहुत क्रोध आया
उन्होंने तुरंत घर में परिवार के सामने फैसला लिया की हम लोग अब से एक समय दोपहर में भोजन करेंगे
शाम को बच्चे दूध केला खा सकते हैं
दूसरे दिन लाल बहादुर शास्त्री जी सीधे आकाशवाणी पहुंचे और उन्होंने उसी समय ये घोषणा की कि अब से
जनता एक समय भोजन करे देश की जनता ने इसको सहर्ष स्वीकार किया था
शास्त्री जी के दूसरे पुत्र सुनील शास्त्री ने शास्त्री जी के ड्राइवर से इम्पाला लेकर दोस्तों के साथ मौज मस्ती के लिए निकल गए थे रात को देर से किचन के रास्ते आए थे सुबह शास्त्री को ये बात मालुम हुई तो उनको उन्होंने पता किया की गाड़ी कितनी चली है ड्राइवर ने बताया कि 14KM चली है और पत्र लिख कर अपनी तनख्वाह से पैसे कटवाए ऐसे थे शास्त्री जी उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिये मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित किया गया लाल बहादुर शास्त्री एक महान व्यक्ति थे |
उनकी सादगी एवं स्वाभिमान को दिल से सलाम
नूर हसन रिजवी (अजहर रिज़वी)
सिटीजन वॉयस, संवाददाता,
लखनऊ