नई दिल्ली: में बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैं. यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. ये पानी ही दिल्ल.बाढ़ के मैदानों पर अतिक्रमण: दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति का एक अन्य कारण है बाढ़ क्षेत्र का अतिक्रमण है जिससे पानी गुजरने के लिए बहुत कम जगह बचती है. बाढ़ के मैदानों पर निर्माण और अतिक्रमण के कारण ही दिल्ली को बाढ़ की स्थिति का सामना करना पड़ा है.1 दिन पहले देश की राजधानी नई दिल्ली के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं.यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण दिल्ली के कई इलाकों में पानी घुस गया.
दिल्ली में यमुना नदी उफान पर है और बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है. पानी डेंजर लेवल को क्रॉस कर गया है. 45 साल पुराना रिकॉर्ड भी टूट गया है
यमुना आज दिल्ली दर्शन कर रही है। दिल्ली के लोग आज यमुना के दर्शन कर रहे हैं। जिस नदी को लेकर दिल्ली बेख़बर रहती है, वो नदी आज दिल्ली की ख़बर ले रही है। यमुना में पानी के लेवल का 45 साल पुराना रिकार्ड टूट गया है। छह सितंबर 1978 को यमुना का जलस्तर 207 मीटर रिकार्ड किया था, बुधवार को 208.7मीटर पार कर गया। हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार और असम में बाढ़ की स्थिति है। इन इलाक़ों में बाढ़ ने भारी तबाही मचा दी है। लेकिन टीवी चैनलों पर आपको दिल्ली ही छाई दिखेगी। बारिश का एक महीना विकास की बोगस राजनीति के 11 महीनों को धो देता है। पहाड़ और नदियों के किनारों का अतिक्रमण करते समय सरकार से लेकर लोग तक लापरवाह रहते हैं। उन्हेें लगता है कि कोई देख नहीं रहा है। और अब हाल ये है कि देखा नहीं जा रहा है।