
दो मुस्लिम देशों में छिड़ेगी भयंकर जंग?
Houthis vs Saudi Arabia: यमन के हूती विद्रोही और खाड़ी के प्रमुख मुस्लिम देश सऊदी अरब के बीच बड़ी जंग शुरू होने का खतरा मंडरा रहा है। हूतियों ने सऊदी अरब को खुली धमकी दी है कि वह अमेरिका के नेतृत्व वाले हमलों में शामिल न हो। इसके साथ ही उसने सऊदी तेल प्रतिष्ठानों पर हमला करने की बात कही है।
यमनी शिया चरमपंथी समूह ने बुधवार 9 अप्रैल को सऊदी अरब को चेतावनी दी कि वह हूती विद्रोहियों पर अमेरिका के नेतृत्व वाले हमलों में शामिल न हो। इसने सऊदी राजशाही के नेतृत्व वाली दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको पर पिछले हमलों की तस्वीरें भी शेयर की। सऊदी अरब ने यमन में हूतियों के साथ एक दशक तक सैन्य संघर्ष में शामिल रहा था, लेकिन वह शिया समूह को रोकने में नाकाम रहा। हूतियों के राजधानी सना पर कब्जा करने के बाद सऊदी अरब ने यमन के संघर्ष से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था। इसी समय साल 2023 में 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास ने हमला कर दिया हूती सैन्य बलों ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘इजरायल की सेवा में यमन के खिलाफ आक्रमण शुरू करने के लिए सऊदी-अमेरिकी सैन्य गतिविधियों में तेजी आ रही है। सऊदी अरब के लिए: इसमें शामिल न हों- आपका तेल नहीं बचेगा।’ इजरायल के हमले के बाद फिलिस्तीनियों के समर्थन में हूतियों ने लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। अंतरराष्ट्रीय मार्ग पर व्यापार सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाली पश्चिमी सेनाओं ने हूतियों के खिलाफ अभियान शुरू किया। इसी साल 15 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हूतियों की क्षमता को नष्ट करने के उद्येश्य से यमन में अभियान तेज करने की घोषणा की। इसके बाद से अमेरिकी सेना ताबड़तोड़ हमले करके हूती ठिकानों को निशाना बना रही है दिलचस्प बात ये है कि यमन में अमेरिकी हमले हूतियों की इजरायल से दुश्मनी की वजह से है, जो घोषित तौर पर गाजा के फिलिस्तीनियों के समर्थन में इजरायल से लड़ रहे हैं। इसलिए अमेरिका को सऊदी अरब का समर्थन इजरायल को समर्थन देने की तरह है।