प्रयागराज : हाई कोर्ट चुनाव में अब कुछ दिन ही बचे हैं , हर पद पर वैलिड अधिवक्ता का नाम घोषित हो गया है , जिसके तहत सब अधिवक्ता नेता अधिवक्ताओं के बीच अपनी छवि बनाने में जुटे हैं , इसी क्रम में अवधनामा संवाददाता से जनहित याचिका के माध्यम से सुर्ख़ियों में आयी युवा महिला अधिवक्ता सहेर नक़वी से बात हुई , जिन्होंने खुलकर अपनी बात रखी.
बातचीत में जब यह बात आयी कि आप इतना मेहनत करती हैं तो गवर्निंग कौंसिल का चुनाव न लड़कर अध्यक्ष या महासचिव का लड़ती के सवाल पर सहेर नक़वी का कहना था कि अब्भी उनके वरिष्ठ लोग हैं जो अध्यक्ष और महासचिव पद पर लड़ रहे हैं , उनको जनता का प्यार मिल रहा है , गवर्निंग कौंसिल का पद भी कार्यकारणी का पद है और हर पद कार्यकारिणी में महत्व रखता है .
हाल में हुए संशोधनों पर चर्चा करते हुए युवा अधिवक्ता सहेर नक़वी ने कहा कि इन संशोधनों से हाई कोर्ट की डिगनिटी का पता चलता है , बड़ा हाई कोर्ट है इन संशोधनों से अध्यक्ष ने यह बताने की कोसिस किया कि काबिल लोग हैं हाई कोर्ट में जो वोट देने के लिए भी तब योग्य होते हैं जब पांच मुकदमें साल में दाखिल करते हैं . अपने मुद्दों पर बात करते हुए सहेर नक़वी ने कहा कि महिला सुरक्षा उनका मुद्दा होगा , आज कोई खड़ा नहीं होता है लेकिन उनको प्यार मिला तो वे महिला अधिवक्ताओं के अधिकार की सुरक्षा करना और उनकी आवाज बनकर तक बातों को दूर तक ले जायेगीं . सहेर नक़वी का कहना था कि अधिवक्ता एक सामाजिक कार्यकर्त्ता होता है जो अपनी पीठ पर वादी प्रतिवादी को लेकर चलता है , लेकिन लोगों की लड़ाई लड़ते हुए अधिवक्ता खुद पीड़ित हो जाते हैं , उनकी लड़ाई होना जरुरी है .
बार बेंच में सामंजस्य होना जरुरी है और कार्यकारणी करेगी , युवा अधिवक्ता सहेर नक़वी ने किसी एक नेता को अध्यक्ष या महाससचिव पद का पसंद न बताते हुए कहा कि सब बड़े हैं और जो भी जीतेगा उनके साथ उनको काम करने में अच्छा लगेगा . आज अधिवक्ताओं के लिए स्वास्थ , पार्किंग , चैम्बर , आकस्मिक स्थित में आर्थिक मदद , केसों में लिस्टिंग की समस्या ज्यादा है , जिन मुद्दों पर वे और नेता लोग मैदान में दूर होने के लिए लड़ाई है .
अंत में एक सवाल के जवाब में सहेर नक़वी का कहना था कि महिला अधिवक्ता आज अपनी समस्या उठा नहीं पाती हैं , वकालत पेशा बहुत ही नायाब पेशा है इसमें महिलाओं को बढ़चढ़ कर हिस्सा लेनी चाहिए , इसके साथ जिन महिला बहनों के पास छोटे बच्चे हैं उनको बच्चे लेकर अदालत आने पर एक चाइल्ड केयर हॉल की जरूरत है जहाँ वे बच्चे को छोड़कर बहस कर सकें , साथ में हाई कोर्ट में महिला डॉक्टर , एम्बुलेंस आदि अति आवश्यक है .