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विश्व पुस्तक दिवस: किताबों की खूबसूरत सी लड़ियां, लॉकडाउन में बनी अच्छी साथी

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किताबें सिखाती हैं, जीने का सलीका..
गमों को भुलाती हैं, अरमान जगाती है…
तन्हाईं में भी अक्सर किसी का एहसास दिलाती है…
मित्र भी वहीं, साथी भी वही, जीवन के राहों का सारथी भी वही…
उसी से जीवन का हर एक नया रूप…
ज्ञान के सागर का है छोटा सा सीप…
बारिशों की बूंदों की जैसी, कलकल बहती नदियां जैसी, है इसका स्वरूप…
जिन्दगीं को बेहतर बनाने का है जादू की पुड़िया…
हाँ ये है हमारी किताबों की लड़ियां…

लखनऊ : सबसे अच्छा मित्र कौन हैए इस सवाल पर बड़े.बुजुर्गों और आध्यात्मिक गुरुओं से लेकर शिक्षाविदों तक का जवाब होता है. पुस्तकें। किताबें हमें केवल देती ही हैंए हमसे लेती नहीं। जानकारियांए शिक्षाए ज्ञानए बुद्धि विकसित करने के अलावा यह हमें जीवन जीने का सलीका सिखाती हैं। आदमी को सच्चे मूल्यों में आदमी बनाने में इसकी बड़ी भूमिका होती हैं। आज यानी 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस है और इसलिए हम इसे मनाने के पीछे के इतिहास से लेकर इसके विभिन्न पहलुओं पर बात कर रहे हैं और साथ ही एक शिक्षकए लेखक और पाठक के नजरिए से पुस्तक की प्रासंगिकता भी बता रहे हैं।

विश्व पुस्तक दिवस के पीछे के इतिहास

सबसे पहले जानते हैंए विश्व पुस्तक दिवस के पीछे के इतिहास के बारे में। दुनिया में पहला विश्व पुस्तक दिवस 23 अप्रैलए 1995 को मनाया गया था। यह तारीख यूनेस्को ने तय की थी। यह विश्व के महान लेखकों को याद करने का दिवस है। विश्वविख्यात लेखक विलियम शेक्सपीयर का निधन साल 1616 में 23 अप्रैल को ही हुआ थाए जबकि साल 1926 में स्पेन के विख्यात लेखक मिगेल डे सरवांटिस का भी निधन इसी दिन हुआ था।

गुलाब की जगह बांटी किताबें

23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाने का विचार स्पेन की एक परंपरा से आयाए जहां हर साल 23 अप्रैल को ष्रोज डेष् मनाया जाता है। लोग इस दिन प्यार का इजहार करते हुए एक.दूसरे को गुलाब फूल देते हैं। साल 1926 में जब मिगेल डे सरवांटिस का निधन हुआ तो उनकी याद में लोगों ने गुलाब की जगह किताबें बांटीं। स्पेन में यह परंपरा जारी रही और इस दिन विश्व पुस्तक दिवस मनाने का विचार आया। ब्रिटेन और आयरलैंड में चूंकि 23 अप्रैल को सेंट जॉर्ज दिवस होता हैए इसलिए वहां मार्च के पहले गुरुवार को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है।

खबरों के मुताबिकए स्पेन में दो दिनों तक रीडिंग मैराथन का आयोजन किया जाता है और समापन समारोह में एक लेखक को प्रतिष्ठित मिगेड डे सरवांटिस पुरस्कार दिया जाता है। वहींए स्वीडन में शिक्षण संस्थानों में इस दिन लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाती है। दुनिया के अलग.अलग देशों में इस दिन को अलग.अलग तरीके से मनाया जाता है। कई जगहों पर संस्थाएं निरूशुल्क किताबें बांटती है।

लॉकडाउन में पुस्तक बनी प्रेमी के लिए अच्छी साथी

दुनिया के कई देश कोरोनावायरस महामारी के कारण लॉकडाउन में है। ऐसे में दुनिया भर में किताबों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल अप्रैल महीने के 23 तारीख को मनाया जाने वाला विश्व पुस्तक दिवस इस बार कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के बीच मनाया जा रहा है। इस बार पुस्तकालय जाकर यादों के झरोखों से कई पुस्तकों को पढ़ने का मौका नहीं मिल रहा है।

लेकिन फिर भी पुस्तक प्रेमी इस समय किताबें पढ़ना सबसे अच्छा तरीका निकाल चुके है। जिससे लोगों की बोरियत को कम कर सके और काफी कुछ नया सीखने को भी मिलेगा। ऐसी ही बातें विश्व पुस्तक दिवस के मौके पर फिर से आज होने लगी हैए और लोग सोशल मीडिया पर किताबें पढ़ने की सलाह दे रहे हैंए और पसंदीदा किताबों के बारे में भी पूछ रहे हैं

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