बहराइच: हर दिल के लिए दिल का इस्तेमाल थीम पर जनपद की सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर विश्व हृदय दिवस मनाया गया। जिला चिकित्सालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ओपी चौधरी ने स्वस्थ हृदय के लिए तनाव मुक्त जीवन जीने का संदेश दिया।
गैर संचारी रोग के इंचार्ज डॉ परितोष तिवारी ने बताया कि पहले संक्रामक बीमारियां जैसे एचआईवी खसरा इंफ्लुएंज़ा सर्दी जुखाम हैजा चेचक आदि बीमारियों से सबसे अधिक लोग प्रभावित होते थे । इनमें से ज़्यादातर बीमारियों को टीकाकरण से कंट्रोल कर लिया गया । लेकिन वर्तमान समय में खराब जीवन शैली से जुड़ी बीमारियां ज्यादा बढ़ रही हैं । इनमें से हृदय रोग एक गंभीर बीमारी है जो खराब व्यवहार गलत खानपान तनाव व शारीरिक व्यायाम के अभाव के कारण होती है। उन्होंने बताया कि जीवन शैली में बदलाव कर दिल के दौरे व दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों को रोका जा सकता है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है ।
इस वर्ष इस दिवस की थीम “हर दिल के लिए दिल का इस्तेमाल रखा गया है । जिसका मतलब स्वस्थ हृदय के लिए सभी को भावनात्मक रूप से जोड़कर इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। एनसीडी नोडल अधिकारी डॉ अनुराग वर्मा ने बताया कि हृदय रोग के प्रमुख दो कारण हैं । पहलाअपरिवर्तनीय कारण जैसे उम्र लिंग जेनेटिक परिवार में बीमारी का इतिहास आदि से भी बीमारी होने का खतरा बना रहता है । लेकिन यह अपरिवर्तनीय है इसे बदला नहीं जा सकता । दूसरा हृदय रोग का परिवर्तनीय कारण है जो हमारी खराब जीवन शैली होता है। उदाहरण के लिए भोजन में वसा की अधिक मात्रा शराब व तंबाकू या किसी भी प्रकार के नशे का सेवन ज्यादा भौतिक वादी होना तनाव खराब वातावरण शारीरिक व्यायाम का अभाव प्रदूषण आदि हमारी जीवन शैली से जुड़े हुए मुद्दे हैं । इन्हें बदलकर दिल का दौरा व हृदय से संबन्धित अन्य बीमारियों को कम किया जा सकता है। इसके लिए सभी व्यक्ति को हृदय रोग के जोखिम व इससे बचाव के लिए अपने समुदाय को जागरूक करना चाहिए ।