
मेरठ। पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी व उनकी पत्नी संजीदा बेगम आठ महीने में 20 से ज्यादा ठिकाने बदल चुके हैं। ठिकाना बदलने से पहले दंपती इंटरनेट कॉल करके बेटे इमरान और फिरोज से बात करते और तुरंत वहां से निकल जाते थे।
पुलिस का दावा है कि उनके पास कोई मोबाइल नहीं है, वह हमेशा दूसरे के मोबाइल से ही कॉल करते हैं। जेल जाने से पहले फिरोज ने अपने भाई इमरान का जो नंबर पुलिस को दिया, उससे सिर्फ इंटरनेट (व्हाट्सएप व फेसबुक मेसेंजर) कॉलिंग होती हैं। इंटरनेट कॉलिंग का डाटा लेने के लिए पुलिस ने कैलिफोर्निया मुख्यालय को पत्राचार शुरू कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, याकूब कुरैशी, संजीदा बेगम का खर्च, कोर्ट से संबंधित अधिवक्ताओं से बातचीत और मीट कारोबार की पूरी जानकारी इमरान कुरैशी को ही है। इमरान लगातार मीट कारोबारियों, रिश्तेदारों और पिता याकूब के संपर्क में हैं। पुलिस का मानना है कि इमरान की गिरफ्तारी होते ही याकूब और संजीदा बेगम भी आसानी से पकड़े जाएंगे। पुलिस का फिरोज की गिरफ्तारी के बाद इमरान ही टारगेट है। इमरान इंटरनेट कॉलिंग से बात कर रहे हैं।
पुलिस की पूछताछ में फिरोज ने बताया था कि उसके माता-पिता 20 से ज्यादा अलग-अलग राज्यों में ठिकाने बदल चुके हैं। वह रिश्तेदारों के यहां नहीं, बल्कि मीट कारोबारियों के यहां रहकर फरारी काट रहे हैं।
वसीम का रखा था याकूब की फैक्टरी में मीट
हापुड़ रोड स्थित याकूब कुरैशी की मीट फैक्टरी में करोड़ों रुपये कीमत का मीट मेरठ के ही वसीम का रखा होना बताया गया है। वसीम भी मीट कारोबारी है, लेकिन अभी उनका नाम पुलिस के रिकॉर्ड में नहीं है। याकूब की फैक्टरी का मीट वियतनाम के रास्ते चीन में करोड़ों में निर्यात होता था। टैक्स बचाने के लिए यह खेल 2014 से चलना बताया गया है। पुलिस ने जीएसटी विभाग को भी इसकी जानकारी दी है। पुलिस सभी पहलुओं की जांच करने में जुटी है।