लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा निदेशालय से मनमानी तबादलों के आरोप में निदेशक संतोष अग्रवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन्होंने प्रकरण की जांच सचिव वाह्य सहायतित परियोजना पंधारी यादव को सौंप दी है। वित्त विभाग के आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा निदेशालय में करीब 456 तबादले किए गए थे। उच्च स्तर पर शिकायत हुई थी कि इसमें स्थानान्तरण नीति का पालन नहीं किया गया और तमाम तबादले मनमानी तरीके से किए गए हैं। शासन ने समस्त तबादलों का क्रियान्वयन स्थगित करते हुए आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा निदेशक संतोष अग्रवाल को हटाकर शिकायतों की दो सदस्यीय समिति से जांच बैठा दी थी। निदेशक संतोष को कोषागार निदेशालय से संबद्ध कर दिया गया था।
जांच समिति ने तमाम कार्मिकों के सेवा इतिहास की जानकारी प्राप्त किए बिना तबादले किए जाने, स्थानान्तरण के लिए कोई निर्धारित प्रक्रिया न अपनाने व स्थानान्तरण सत्र के अंतिम दिन कई स्थानान्तरण आदेश संशोधित या निरस्त किए जाने के मामले पकड़े। जांच समिति ने तबादलों को प्रथम दृष्टया अविवेकपूर्ण व नीति के विपरीत होने की आशंका जताई थी। साथ ही स्थानान्तरण में उत्तरदायित्व तय करने व तबादले में सायास या अनायास की गई त्रुटियों की स्पष्टता के लिए विस्तृत जांच की सिफारिश की थी। वित्त विभाग ने जांच समिति की संस्तुतियों को वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के माध्यम से निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को भेजा था। मुख्यमंत्री ने तबादलों में अनियमितता पर कड़ा रुख अपनाते हुए निदेशक संतोष अग्रवाल तो निलंबित कर दिया है। साथ ही प्रकरण की जांच के लिए सचिव वाह्य सहायतित परियोजना पंधारी यादव को जांच सौपी हैं।