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सरकार द्वारा उपलब्ध सीयूजी नम्बर नही उठाते अधिकारी, वाट्सएप ग्रुपों से बना ली दूरी,आखिर कैसे आम नागरिक अधिकारियों तक पहुचाऐ अपनी  बात भारतीय गौ रक्षा वाहिनी की राष्ट्रीय मीडिया सचिव ने सीयूजी नंबरों की सुरक्षात्मक कोड हटाने की उठाई  मांग

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ब्यूरोचीफ:- प्रमोद पाण्डेय
गोंडा। गोंडा के डीएम डॉ0 नितिन बंसल ने पदभार सम्भालते ही पत्रकारों के व्हाट्सअप ग्रुप से लेफ्ट हो गये।  सीयूजी नम्बर पर सुरक्षात्मक कोड लगाकर पत्रकारों व जनहित की खबरों से मुहमोड लिये हैं। यह बात भारतीय गौ रक्षा वाहिनी की  राष्ट्रीय मीडिया सचिव पुनिता मिश्रा ने कही है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों की उदासीनता के कारण अब जनता की समस्याएं बढने लगी है। उन्होंने बताया कि यही रास्ता पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर ने भी अपना लिया है। जिसका अनुश्रवण सीडीओ, एडीएम व डीडीओ ने करके अन्य अधिकारियों को ऐसा करने का पाठ पढ़ा दिया। अब जिले भर के अधिकतर अधिकारी अपने सीयूजी नम्बर पर सुरक्षा कोड लगा चुके है। जब कि प्रदेश सरकार का फरमान है, की सभी पीड़ित अपनी समस्या से सीयूजी नम्बर पर अवगत कराकर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जनता की सेवा के लिये एलाट किये गए सीयूजी नम्बर पर किसी भी समय घटना, दुर्घटना व आपदा सहित हर छोटे बड़े मामले की सूचना देने के लिये ही एलाट किया गया है। इन नम्बरों पर आम नागरिको को अपनी समस्या किसी भी समय अधिकारियों को सुनाकर लाभ प्राप्त करने के लिये ही दिया गया है। मगर अधिकारी इसका दुरुपयोग करने लगे है। कुछ अधिकारी तो अपना सीयूजी नम्बर अपने कर्मचारियों को दे रखे हैं, फोन करने पर उत्तर मिलता है साहब मीटिंग में है या व्यस्त हैं। तीन, चार बार फोन करने के बाद साहब का फोन ही उठना बन्द हो जाता है। एक समय था कि खबर पढने के बाद अधिकारी स्वतः संज्ञान लेकर कार्यवाही करते थे। मगर अब सब कुछ बदल चुका है, खबरें पढ़ने के बाद भी अधिकारी उसका संज्ञान नही ले रहे है। जिससे पीड़ितो की समस्या गम्भीर होती जा रही है।
और अराजकतत्वों के हौंसले बुलंद होते जा रहे है। कुछ थानाध्यक्ष अपराधियो से मनचाहा धन लेकर पीड़ितों के विरुद्ध ही मुकदमा दर्ज कर देते है। गम्भीर मामलों में एनसीआर व धारा 151 दर्ज करना अब उनकी आदत बन चुकी है। उन्होंने जनता के हित को देखते हुये सरकारी सीएयूजी नम्बर हर समय संचालित रखने, व फोन पर सूचित करने वाले पीड़ितों की समस्याओं का तत्काल संज्ञान लेकर कार्रवाई कराने की मांग की है।
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