बस्ती (कुदरहा) गांवों को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए कई तरह के कवायदते की गई । यहां तक कि गांवों को ओडीएफ करने को लेकर 6 साल पहले स्वच्छ भारत मिशन योजना भी शुरू की गई । गांव में बनाए गए शौचालय भी खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं। शौचालय का प्रयोग न होने से सड़कों पर गंदगी पसरी हुई है। वर्ष 2015-2016 से स्वच्छ भारत मिशन योजना लागू है। इसके तहत विकास खंड कुदरहा के 75 राजस्व गांवों में शौचालय का निर्माण पहले ग्राम प्रधान के जरिए लाभार्थियों को मिले 12000 रूपये के अनुदान से कराया गया है | गांवों को ओडीएफ घोषित करते हुए गंदगी से मुक्त होने का दावा भी किया गया। जबकि कइ ग्राम पंचायतों में धरातल पर शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। इतना हि नहि गांवों की सड़कों पर गंदगी का अंबार लगा पड़ा हुआ है। इसके बावजूद कागजी कोरम पूरा करते हुए गांवों को गंदगी मुक्त घोषित कर दिया गया। गांवों को स्वस्छ बनाए रखने के लिए शासन ने घर -घर शौचालय बनवाने की ब्यवस्था की और गांवों में सफाईकर्मी की तैनाती हुई ,लेकिन यह योजना धरातल पर पूरी तरह से फेल है। यहां तक की सफाई कर्मचारी भी सफाई करने में लापरवाही दिखा रहे हैं। सफाई कर्मचारीयों के लिए सफाई यंत्र की खरीद पर भी हर साल 30-35 हजार रूपये खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन गांव की गंदी नालियों से उठती दुर्गंध सफाई कर्मचारी की पोल खोल रही है।अभी हाल ही में जिला पंचायत राज अधिकारी बस्ती के द्वारा सूचना दिया गया था कि सभी सफाईकर्मी अपने तैनाती स्थल पर ही ड्यूटी करें । अब सवाल ये उठता है कि अगर सफाईकर्मी अपने तैनाती स्थल पर रहकर सफाई करता है तो गंदगी कैसे रह जाती है ये सोचने वाली बात है।