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6 दिवसीय फाईवर टू सिल्क फैब प्रदर्शनी व सेल महिलाओ को लुभा रही है

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लखनऊ: 3 दिसम्बर  2022  उमंग आर्ट एंड कापट्स एक्स्पो द्वारा फाईवर टू सिल्क फैब प्रदर्शनी व सेल लखनऊ के  कैसरबाग बारादरी  में यह दिनांक  2 दिसम्बर से 7 दिसम्बर 2022 तक अयोजित की जा रही है  यह प्रदर्शनी सुबह 10:30 से रात्रि 9:30 तक चलेगी  प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ से कोसा घिचा मलबरी रॅा सिल्क एब्लॉक प्रिंटेड सिल्क साड़ी गुजरात से बान्धनी पाटोला कच्छ एम्ब्रोयडरी  मिरर वर्क एवं डिजाइनर कुर्ती  मध्य प्रदेश से चंदेरी  महेश्वरी काटन एण्ड सिल्क साडी सूट  डकारी जामदानी  एवं  बनारसी सिल्क  तान्चोयी सिल्क मैसूर सिल्क की साड़ीयो के साथ धर्मावरम तस्सर ढाका वही डिजाइनर ब्लाउज  सलवार सूट पंजाब की फुलकारी वर्क सूट व् साडी हैदराबाद की हैवी नेकलेस नोज पिन  रिंग बैंगल्स मांग टीका  कमरबंद और मुंबई वेस्टर्न पैटर्न ज्वैलरी व पालकी ज्वैलरी भी है l साड़ी और सूट की 25000 वैरायटी के साथ ब्राइडल वियर  विंटर कलेक्शन तथा पश्मीना शाल की भारी रेंज भी उपलब्ध है प्रदर्शनी का उद्घाटन अनिल राजभर  मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार श्रम  एवं सेवायोजन समन्वय विभाग के द्वारा दीप  प्रज्वलित  कर के  किया गया

उमंग आर्ट एंड क्राफ्ट्स एक्स्पो के आयोजक आशीष कुमार गुप्ता ने बताया कि संस्थान द्वरा आयोजित ’फाईवर टू सिल्क फैब प्रदर्शनी व सेल देश भर से आए सिल्क बुनकरों व डिजाईनरो ने अपने अपने प्रदेश संस्कृति काव्य और त्याहारो को सिल्क पर छापा है एक्जीवीशन में गुजरात की पटोला सिल्क  तेलांगना की उपाडा  सिल्क तमिलनाडु की कांजीवरम सिल्क  महाराष्ट्र की पैठानी सिल्क पर गई कलाकारी लोगो को अपनी ओर खीच रही है | आयोजक  आशीष कुमार गुप्ता ने बताया कि कैसरबाग बारादरी  लखनऊ में आयोजित फाईवर टू सिल्क फैब का मकसद देशभर के सिल्क उत्पादों का एक ही छत के तले प्रदर्शनी करना है इस प्रदर्शनी में पश्चिम बंगाल के काला हस्ती से आए बुनकर ने भगवान  कृष्ण के नोका विहार का द्रश्य सिल्क पर पेंट किया किया है | इस द्रश्य में भी तमिलनाडु से आए बुनकर 1 ग्राम सोने की जरी से तैयार साड़ी लेकर आऐ है इस ट्रेडिशनल कांजीवरम साड़ी को बनाने में 2 माह का समय लगा है आंध्रा के पोचमपल्ली से आए डिजाईनर ने सिल्क पर ग्रामीणों के जनजीवन को उकोरा है | गांवो के मेले खेतो में जाती बैलगाड़ी के द्रश्य और आदिवासी जनजीवन की झलक सिल्क को खास बना रही है इसी साड़ियो को लधाख के त्रिपुड़ा में भेड़ो के बाल को सूतकर बनाया जाता है | और फिर इन पर पेंटिंग की जाती है | दस साड़ियो पर बनी डीजायनो में कश्मीरी केशर की डीजायन के साथ ही कश्मीरी कहावा भी है |

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