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लोहिया ने पिछड़े वर्गों के लिए संघर्ष करके सत्ता के शीर्ष पर स्थापित किया था: उमाशंकर

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बाराबंकी :  चैधरी चरण सिंह किसान विचार मंच के अध्यक्ष उमाशंकर वर्मा ने लोहिया के सपनों को साकार करने के लिए किसान वेतन आयोग का कानून बनाकर देश के प्रत्येक किसान को 20000 रुपये प्रतिमाह वेतन व मृतक आश्रित किसानों की संतानों को सरकारी नौकरी देने की मांग की श्री वर्मा विकासखंड सिद्धौर के शाह मोहिद्दीनपुर के बाबा भोलेनाथ बाबा के आश्रम में महंत जनार्दन गिरी की अध्यक्षता में प्रमुख समाजवादी चिंतक डॉ राम मनोहर लोहिया की 54 वीं पुण्यतिथि पर किसान गोष्ठी को संबोधित करते हुए व्यक्त की। उन्होंने कहा लोहिया जी ने पिछड़े वर्गों के लिए संघर्ष करके सत्ता के शीर्ष पर स्थापित किया था तथा किसानों की खुशहाली के काम बांधव दाम बांधों के सिद्धांत का प्रतिपादन किया था वर्मा ने कहा केंद्रीय कर्मचारियों एवं राज्य कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग का कानून संसद में पहले से ही बना है इस कानून के तहत इसी के वेतन के साथ 108 प्रकार के भत्ते तथा सेवा के दौरान मृत्यु होने पर ₹5000000 मुआवजा और मृतक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाती है

परंतु किसानों को कुछ भी नहीं दिया जाता है उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करके केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन भत्तों में 120 से लेकर 300 गुना बढ़ोतरी की गई थी परंतु किसानों की फसलों के दामों में मात्र 19 गुना बढ़ोतरी की गई है श्री वर्मा ने कहा देश के 14 करोड़ किसानों को ₹20000 प्रति माह वेतन देने से प्रतिवर्ष 33 लाख 60 हजार करोड़ खर्च होंगे किसान सम्मान निधि के नाम पर बजट में ₹750000000 स्वीकृत किए जाते हैं दूसरी और 2005 से 2016 के दौरान अमीरों को प्रोत्साहन पैकेज के नाम पर ₹42 लाख करोड़ के टैक्स माफ किए गए थे मंच के प्रदेश महामंत्री दिनेश कुमार ने कहा कि 23 दिसंबर सन 2005 में चैधरी चरण सिंह के जन्म दिवस पर विधानसभा के सामने देश के किसानों का कर्ज माफ करने की मांग की 2007 में कांग्रेश सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया था

उनके जन्मदिवस पर गांधी प्रतिमा स्थल पर वेतन आयोग गठन करके किसानों को वेतन देने की मांग की गई थी परंतु किसी भी राजनीतिक दल अथवा किसान संगठन से अभी तक मांग नहीं की है। किसान गोष्ठी में संदीप कुमार यादव, पंडित उपेंद्र कुमार दीक्षित, मानस, पीयूष, सीतापुर, देवकीनंदन, राम गोपाल वर्मा, फतेह बहादुर वर्मा, जय सिंह, कन्हैया वर्मा, गया प्रसाद, अमर सिंह आदि मौजूद रहे।

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