दिल्ली: इन दिनों राजधानी दिल्ली में आयी बाढ़ की तबाही से पूरा देश अवगत है। दिल्ली अभी तक पूरी तरह से इस बाढ़ से उबर नहीं पायी है। दिनाक १३ जुलाई २०२३ को दिल्ली के वज़ीराबाद , चंद्रावल और ओखला के जल संयंत्र बाढ़ के कारण जल भराव से बंद हो गए थे। ये तीनों संयन्त्र दिल्ली की लगभग एक तिहाई आबादी को जलापूर्ति करते हैं। गौरतलब है की राष्ट्रपति तथा प्रधान मंत्री के आवासों पर भी जलापूर्ति चन्द्रावल संयन्त्र से ही की जाती है।
आप को बता दें की मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत निर्माण कार्यों को क्रियान्वित करती है। जब दिल्ली में बाढ़ की स्थिति काफी भयावह हो गयी थी तो सेना, नेवी तथा केंद्र सरकार की दूसरी एजेंसियों को बुलाया गया था। इसी क्रम में मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज दिल्ली कैंट को भी इन जल संयंत्रों को चालू करने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा गया
सेना के सूत्रों से यह बात पता चली की १४ जुलाई २०२३ को दिल्ली कैंट के सी. डब्लू . ई. (कमांडर ऑफ़ इंजीनियर वर्क्स ) कर्नल प्रवीन कुमार नायर तथा जी . ई. यूटिलिटी वाटर सप्लाई ( गैरिसन इंजीनियर जल-आपूर्ति ) नूरुद्दीन आई . डी . एस . ई ने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारीयों के साथ वज़ीराबाद एवं चंद्रावल जल संयंत्रों का एक साथ मुआयना किया था।
इस क्रम में उनकी भेंट दिल्ली जल बोर्ड के सी. ई . ओ पी . कृष्णा मूर्ति , आई . ए . एस एस . एल . मीना, मेंबर डी . जे . बी तथा मुख्य अभियंता और उच्चाधिकारियों से हुई थी। मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज की टेक्निकल टीमें, जिसमे ४०० के . वी . ए के 2 जनरेटर तथा तकनीशियन एवं हेल्पर इत्यादि शामिल थे, पूरी तरह तैयार थीं। गौरतलब है की मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज दिल्ली कैंट ने पहले भी जब २०१६ में हरियाणा सरकार के कर्मचारियों ने हड़ताल की थी तो बिजली की व्यवस्था को चण्डीगढ़ में सुचारु रूप से चलाया था