देवरिया: देवरिया सदर विधायक डॉ शलभ मणि त्रिपाठी, जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह एवं पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने एआरटीओ कार्यालय के निकट आयोजित कार्यक्रम में दिप प्रज्वलित कर वाहन रैली को हरी झंडी दिखाकर सड़क सुरक्षा पखवाड़े का शुभारंभ किया। इस दौरान उपस्थित लोगों को सड़क सुरक्षा की शपथ भी दिलाया।
आपको बता दें सड़क सुरक्षा पखवाड़ा 17 जुलाई से 31 जुलाई तक मनाया जाएगा, जिसमें सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए विविध जागरूकतापरक कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे।
इस सम्बन्ध में देवरिया सदर विधायक डॉ शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि जनसहयोग के बिना अभियान सफल नहीं हो सकता। लोग यातायात नियमों का पालन करें और सुरक्षित रहें। सड़क दुर्घटना में किसी परिजन की असामयिक मृत्यु से परिवार को गहरे दुख से गुजरना पड़ता है। इसलिए परिवार के बड़े-बुजुर्ग सुनिश्चित करें कि घर से युवा जब दोपहिया वाहनों से बाहर निकले तो हेलमेट अवश्य लगाएं और यातायात नियमों का पालन करें।
सीट बेल्ट का प्रयोग करें एवं ड्राइविंग करते समय मोबाइल का प्रयोग न करें।उन्होंने कहा कि सड़क हादसे में किसी की मृत्यु होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण होता है। हादसे के बाद घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले नेक आदमी (गुड सेमेरिटन) को वे स्वयं उसके घर जाकर सम्मानित करेंगे।
वहीं जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि दुर्घटना में घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति(गुड सेमेरिटन) को सड़क सुरक्षा कोष से पांच हजार रुपये प्रोत्साहन राशि पुरस्कार स्वरूप देने का प्रावधान है। यह राशि सड़क सुरक्षा कोष से आवंटित की जाती है। डीएम ने नागरिकों से सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने की अपील की, जिससे उनकी जान बचाई जा सके।
दुर्घटना के बाद का एक घंटा गोल्डन ऑवर होता है, इस अवधि में घायल को हॉस्पिटल पहुंचाकर उसका जीवन बचाया जा सकता है। यदि आम लोग बतौर गुड सेमेरिटन घायलों को अस्पताल पहुंचाए तो सड़क हादसों में होने वाली 50 प्रतिशत मृत्यु को कम किया जा सकता है। तेज गति से वाहन न चलाए। गलत तरीके से ओवरटेक न करें। हेडलाइट हाई बीम पर नहीं जलाएं। नींद, थकान एवं नशे की दशा में वाहन बिल्कुल न चलाये।
पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने कहा कि थोड़ी सावधानी बरतकर एवं ट्रैफिक नियमों का पालन कर इनसे बचा जा सकता है। ट्रैफिक नियमों का पालन कर दुर्घटनाओं को कम करने में पुलिस का सहयोग करें और सुरक्षित रहें। सड़क दुर्घटना को कम करने में प्रशासन के साथ जन सहयोग भी अत्यंत आवश्यक है। यदि लोग स्वप्रेरणा से ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे तो दुर्घटनाएं स्वतः कम हों जाएंगी।