लखनऊ : अस्पतालों में ऐसे कई मामले सामने आये जहां इलाज के पता चला है कि मरीज कोरोना संक्रमित था। इसी खतरें को देखते हुए लखनऊ के सभी सरकारी अस्पतालों में अब एहतियात के तौर पर ऑपरेशन से पहले अन्य जांचों के साथ कोरोना की जांच भी करवाई जाएगी। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही ऑपरेशन किया जायेगा। ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के बाद से सरकारी अस्पतालों में रुटीन में होने वाली सर्जरी में रोक लगा था, लेकिन अब इसे फिर से शुरू करने की तयारी है।
रूटीन ऑपरेशन के लिए मरीजों की फेहरिस्त लंबी है। ऐसे में प्राथमिकता गंभीर मरीजों को दी जाएगी। अस्पताल प्रभारियों का कहना है कि पहले चरण में सर्जरी विभाग के ऑपरेशन शुरू होंगे। इसी क्रम में बलरामपुर व सिविल अस्पताल में सर्जरी शुरू की जा रही है। बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ हिमांशु ने बताया कि सर्जरी विभाग के ऑपरेशन पहले शुरू कराए जाएंगे।
गंभीर मरीजों को प्राथमिकता दी जाएगी। सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ डीएस नेगी ने कहा कि जो भी मरीज सर्जरी के लिए आएंगे। उनकी जांच के बाद ही सर्जरी का फैसला लिया जाएगा। ज्ञात हो कि प्रदेश भर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके है। जहां इलाज के बाद टेस्ट कराने पर पता चला है कि मरीज कोरोना पॉजिटिव था। बीते दिन गोरखपुर जिले के बरगदवा की रहने वाली एक महिला का शहर के एक निजी अस्पताल में ईसीजी हुआ था। जहां से इलाज के लिए उसे एसपीजीआई लखनऊ रेफर कर दिया गया।
एसपीजीआई के कैथ लैब में बिना कोरोना जांच के महिला की एंजियोग्राफी कर पेज मेकर लगा दिया गया। इसके बाद महिला की कोरोना जांच कराई गई। जांच में महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। इसके बाद से ही एसपीजीआई में हड़कंप मच गया है। ऑपरेशन करने वाले लखनऊ के डॉक्टर को क्वारंटीन कर दिया गया है। इसके अलावा नवीन ओपीडी को सील कर दिया गया है। गोरखपुर में ईसीजी करने वाले कर्मचारी और डॉक्टर को भी स्वास्थ्य विभाग की टीम क्वारंटीन करने की तैयारी में जुट गई है।