New Ad

कूड़ा वाहनों में जीपीएस नहीं लगाए जाने से नाराज मण्डलायुक्त ने अधिकारियों को लगाई फटकार

0

एक सप्ताह के अन्दर जीपीएस लगाये जाने, स्मार्ट बस शेल्टर का निरीक्षण कर तीन दिनों में रिपोर्ट देने के निर्देश

लखनऊ : शहर में कूड़ा उठाए जाने वाले वाहनों में जीपीएस प्रणाली नहीं लगाए जाने से नाराज मण्डलायुक्त ने सम्बन्धित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए एक सप्ताह के अन्दर जीपीएस लगाये जाने एवं इससे सूचनाएं एकत्र करके निर्धारित मानक के अनुरूप कार्य न करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रत्येक सेवाओं की सिटीजन फीडबैक लेने एवं जन उपयोगी सेवाओं के लिए स्मार्ट लखनऊ नामक मोबाइल ऐप बनाने के भी निर्देश दिये हैं।

मण्डलायुक्त मुकेश कुमार मेश्राम ने यह निर्देश लखनऊ स्मार्ट सिटी की बैठक के दौरान दिए। इस अवसर पर नगर आयुक्त डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी सहित स्मार्ट सिटी के सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे। मण्डलायुक्त लखनऊ में तैयार किये गये स्मार्ट बस शेल्टर का भौतिक निरीक्षण करके कार्यों की गुणवत्ता की रिपोर्ट तीन दिनों के अन्दर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा स्वयं स्थलीय निरीक्षण किया जायेगा। निरीक्षण में यदि कोई मानक से निम्नतर सामग्री एवं गुणवत्ता मिलती है तो दोषियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।

बैठक में लॉकड़ाउन के दौरान लम्बित हुए कार्यों को तत्काल अध्यावधिक स्थित में लाने कि लिए योजनावार समीक्षा की गई। मण्डलायुक्त ने कहा कि शहर के सभी घरों के सामने क्यूआरकोड युक्त कूड़ादान रखा जाए। कूड़ा एकत्रित करने वाले कर्मचारी का कूड़ा उठाते समय कोड को रीड करके ही कूड़ा एकत्र करें।

श्री मेश्राम ने बताया कि क्यूआरकोड पहले कैसरबाग के 50 हजार घरों में लगाकर नियमित रूप से यह समीक्षा की जाये कि कितने घरों से कूड़ा उठाया गया एवं कितने घरों से नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि कूड़ा उठाने के लिये लगी निजी कम्पनी के वाहनों के देयकों एवं निगम वाहनों के डीजल खपत की जांच जीपीएस की सूचनाओं के आधार पर चेक करें।

Leave A Reply

Your email address will not be published.