New Ad

अधिकारियों के मुख्यालय छोड़ने पर लगी रोक

0

 

बहराइच: वर्तमान में कोविड-19 महामारी के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव व सम्भावित बाढ़ (आपदा) के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे बिना अधोहस्ताक्षरी की अनुमति प्राप्त किये मुख्यालय नहीं छोडेंगे। अपरिहार्य परिस्थितियों में ही अधोहस्ताक्षरी की अनुमति प्राप्त करने के उपरान्त मुख्यालय से बाहर जायेंगे। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को सचेत किया है कि यदि किसी अधिकारी के बिना पूर्व अनुमति के मुख्यालय से बाहर जाने का तथ्य संज्ञान में आता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

बहराइच  जनपद बहराइच की सरयू नदी (घाघरा नदी) में आयी बाढ़ के परिणामस्वरूप जनपद की प्रभावित हुई तहसीलें, ग्राम एवं बाढ़ प्रभावितों के सहायतार्थ किये गये/किये जा रहे खोज, बचाव एवं राहत कार्यों का विवरण देते हुए अपर जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में वर्षा की क्रमिक स्थिति 01 जून 2020 से 12 अगस्त 2020 तक 649.775 मि.मी. दर्ज की गयी है।

जनपद की नदियों एवं बैराजों पर 12 अगस्त 2020 को प्रातः 08ः00 बजे तक जलस्तर का विवरण देते हुए अपर जिलाधिकारी ने बताया कि सरयू नदी का एल्गिन ब्रिज पर जलस्तर खतरे के निशान 106.07 मी. के सापेक्ष 106.976 मी., घूरदेवी पर जलस्तर 112.135 मी. के सापेक्ष 112.460 मी., गिरजापुरी बैराज पर जलस्तर खतरे के निशान 136.80 मी. के सापेक्ष 135.85 मी., गोपिया बैराज पर जलस्तर खतरे के निशान 133.50 मी. के सापेक्ष 130.25 मी. तथा शारदा बैराज पर जलस्तर खतरे के निशान 135.49 मी. के सापेक्ष 135.15 मी. दर्ज किया गया है।

जनपद के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ से प्रभावितों हेतु किये गये/किये जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों का आज तक का विवरण देते हुए अपर जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक जनपद की 03 तहसीलों के 63 ग्राम बाढ़ से प्रभावित हैं। जबकि मैरूण्ड ग्राम 07 हैं। बाढ़ से प्रभावित जनसंख्या 151222, पशु 34431 एवं प्रभावित क्षेत्रफल 15513.470 हे. है। बाढ़/कटान से अब तक क्षतिग्रस्त मकानों/झोपड़ी की संख्या 183, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित बाढ़ चैकियों की संख्या 23, प्रभावित क्षेत्र में 01 बाढ़ शरणालय संचालित है जिसमें 09 लोग रह रहे हैं।

अपर जिलाधिकारी ने बताया कि खोज एवं बचाव कार्य में 206 नावें व 01 मोटर बोट लगायी गयीं हैं। जबकि खोज एवं बचाव कार्य के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 01 प्लाटून पी.ए.सी. व 01 टीम एन.डी.आर.एफ. की तैनात है। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को त्वरित उपचार की सुविधा प्रदान करने के लिए 48 मेडिकल टीमें गठित की गयी हैं। अब तक 1502 लोगों को चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की गयी है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 1462 पशुओं का उपचार तथा 88584 पशुओं का टीकाकरण किया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 40 कुण्टल भूसा का वितरण किया गया है। जबकि पीड़ितों को बारिश के पानी से बचाव के लिए 5334 अदद तारपोलीन शीट का वितरण किया गया है। इसके अलावा 9980 बाढ़ प्रभावितों को खाद्यान्न राहत सामग्री किट तथा 25465 ज़रूरतमन्द लोगों को लंच पैकेट का वितरण किया गया है।

अपर जिलाधिकारी ने बताया कि वितरित की जा रही खाद्य सामग्री किट 10 कि.ग्रा. आटा, 10 कि.ग्रा. चावल, 10 कि.ग्रा. आलू, 05 कि.ग्रा. लाई, 02 कि.ग्रा. भूना चना, 02 कि.ग्रा. अरहर की दाल, 500 ग्राम नमक, 250 ग्राम हल्दी, 250 ग्राम मिर्च, 250 ग्राम धनियां, 01 पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 लीटर रिफाइण्ड तेल, 01 पैकेट क्लोरीन टैबलेट एवं 02 अदद नहाने का साबुन।

जिलाधिकारी द्वारा बाढ, राहत एवं बचाव से सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि बाढ़ राहत कार्यो में किसी प्रकार की शिथिलता एवं उदासीनता न बरती जाये। सभी सम्बन्धित अधिकारी बाढ़़ प्रभावित क्षेत्रों का नियमित भ्रमण कर बाढ़ प्रभावित लोगों को शासन द्वारा अनुमन्य सभी सुविधाएं मुहैय्या करायी जायें। जिलाधिकारी द्वारा सभी सम्बन्धित अधिकारियों यह भी निर्देश दिया गया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान आमजनमानस को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन के साथ-साथ मास्क के उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान करें साथ ही राहत एवं सामग्री वितरण के कार्यों में सोशल डिस्टेन्सिंग का भी कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।

Leave A Reply

Your email address will not be published.