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किसानों व आम जनता को बहला-फुसलाकर वोटों का धुव्रीकरण कर रही भाजपा- राय

रालोद ने केन्द्र सरकार से की एमएसपी पर कानून बनाने की मांग

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लखनऊ वर्तमान में केंद्र और प्रदेश में चल रही भाजपा सरकारें किसान विरोधी सिद्ध हो चुकी हैं क्योंकि दिल्ली बार्डर पर लगभग 1 वर्ष अनवरत चलते रहे किसान आन्दोलन और उस आन्दोलन में लगभग साढ़े सात सौ किसानों के शहीद होने पर भी आज तक एमएसपी पर कोई भी कानून नहीं बना। प्रदेश सरकार ने अब तक गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया है,जबकि पेराई सत्र समाप्त होने वाला है। राष्ट्रीय लोकदल इस सन्दर्भ में सम्पूर्ण प्रदेश में मुख्यमंत्री को संबोधित किसान संदेश अभियान पत्र के माध्यम से करीब 1 माह से चला रहा है,फिर भी प्रदेश सरकार इसका कोई संज्ञान नहीं ले रही है। उक्त बातें मंगलवार को रालोद प्रदेश कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने कहीं। आगे उन्होंने बताया कि किसानों को विगत 8 वर्ष से देश के प्रधानमंत्री द्वारा आय दोगुनी करने का लॉलीपॉप दिखाया जा रहा है और मंदिर मस्जिद, भारत पाकिस्तान,शमशान व कब्रिस्तान के नाम पर किसानों तथा आम जनता को बहला-फुसलाकर वोटों का धुव्रीकरण किया जा रहा है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में पुन: इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर रहे हैं और प्रचार माध्यमों से प्रदेश को ग्रोथ इंजन की संज्ञा दे रहे हैं। अब सोचने की बात यह है कि जिस प्रदेश में कानून व्यवस्था इतनी खराब हो जहां बस रूकवाकर छात्रा को गाली मार दी जा रही और अपराधी भाग जाए बड़े व्यापारियों और पेट्रोल पम्पों पर खुलेआम लूट की घटनाएं हो रही हो,वहां निवेश के नाम पर कैसे सफलता मिल सकती है। क्योंकि निवेश करने से पूर्व निवेशक यहां की कानून व्यवस्था पर सोचने को मजबूर होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री अथवा देश के प्रधानमंत्री अपने वक्तव्य में केवल भविष्य के आंकडेÞ प्रस्तुत करके देश के युवा बेरोजगारों को गुमराह करने का प्रयास करते रहते हैं। उनके द्वारा कभी भी उन विभागीय आंकड़ों को नहीं प्रस्तुत किया गया कि अब तक किस विभाग में कितने युवाओं को नौकरी या रोजगार दिया गया। प्रदेश में चौधरी अजित सिंह की जयन्ती आगामी 12 फरवरी से 1 सप्ताह तक सरकार की अब तक की कारगुजारियों,असफलताओं और गलत नीतियों को लेकर घर-घर और गांव-गांव में जनसम्पर्क एवं जनसंवाद कार्यक्रम राष्ट्रीय लोकदल चलायेगा। राष्ट्रीय पदाधिकारियों,प्रदेश पदाधिकारियों तथा अवध क्षेत्र के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ संठनात्मक एवं सदस्यता से सम्बन्धित विचार विमर्श किया गया।

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