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गौसंरक्षण में बिलख-बिलख कर मर रहे, गाय व बछड़े!

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गांव के लोगों के लिए गौशाला अभिशाप से कम नही!

महराजगंज रायबरेली :  प्रदेश की योगी सरकार में गोवंशों के संरक्षण हेतु पैसा पानी की तरह खर्च किया जा रहा है। लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी की वजह से क्षेत्र की गौशालाओं में धूप, गर्मी और भूख-प्यास की असहनीय पीड़ा झेलने वाले दर्जनों गौवंश अकाल मौत के शिकार हो रहे हैं।यही नहीं इन अकाल मौत के शिकार इन गौवंशों के शव को खुले में चील कौव्वों को खाने के लिए छोड़ दिया जा रहा है। खुले में पड़े इन शवों की सड़ांध से आस पास के गांव के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। जिससे लोगों में जिम्मेदारों के प्रति गहरा आक्रोश व्याप्त है

बताते चलें कि क्षेत्र के पूरे जमादार मजरे बावन बुजुर्ग बल्ला में जिला पंचायत के सौजन्य से फरवरी 2019 में गौशाला का लोकार्पण किया गया था। जिससे क्षेत्र के आस पास के गांव के लोगों में आवारा पशुओं से निजात की आस में लोगों मे प्रशन्नता थी। धीरे-धीरे गौशाला में आवारा गाय व बछड़ों को मिलाकर 250 जानवर हो गये थे। लोकार्पण के बाद कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक ठाक चला। लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी की वजह से गौशाला में गौवंशो की देख रेख व उनके राशन पानी का ठेका लिए ठेकेदार ने गौवंशों की देखभाल में कर्मियों की कमी करते हुए गौवंशों को दिन में केवल एक बार ही चारा पानी दिया जाने लगा। जिससे भूख व प्यास से बेहाल एक सप्ताह में एक-एक कर दर्जनों गायों की मौत हो चुकी है। इन तीन दिनों में पांच गायों की मौत के बाद शव को गौशाला के पास खुले में छोड दिया गया है

पूर्व मे भी हुए गौवंशों की मौत के बाद उनके शव को धान के खेत में फेंक दिया गया है। जिसकी बदबू से आस पास के गांव के लोगों का जीना दूभर हो गया है। आवारा पशुओं से निजात के सपने संजोए आसपास के गांव के लोगों के लिए यह गौशाला अब अभिशाप बन गई है। खुले में पड़े इन शवों की सडांध व बदबू ने लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। आस- पास के गांव के लोगों में गौशाला के जिम्मेदारों के प्रति गहरा आक्रोश व्याप्त है।

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