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बच्चों में टी.बी.के लक्षण न करें नजरअंदाज  – जिला क्षय रोग अधिकारी 

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बच्चे को दो हफ्ते से लगातार आये खांसी,घट रहा वजन तो तुरन्त कराएं जांच

कन्नौज : क्षय रोग वैसे तो किसी भी उम्र में संभव है लेकिन बच्चों में इसके लक्षण जान पाना और उसका इलाज कर पाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। बच्चों में यह बीमारी व्यस्कों के मुक़ाबले ज्यादा घातक होती है लेकिन समय पर इलाज शुरू होने पर इस बीमारी से बचा जा सकता है। यह कहना हैं जिला क्षय रोग अधिकारी डा.जे.जे राम का। क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यह बीमारी बच्चों में हो जाये तो यह बड़ों से भी अधिक घातक हो जाती है।कुपोषित बच्चे जल्दी टीबी का शिकार हो जाते हैं। स्वस्थ्य बच्चे जब टीबी से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो वह भी बीमार हो जाते हैं। यदि बच्चे को दो हफ्ते या उससे ज्यादा समय से लगातार खांसी आती है तो जांच कराना आवश्यक है।  उन्होंने बताया कि जनपद में अभी 18 साल से कम उम्र के 74 बच्चे टी.बी.रोगी हैं।इनमें से 60 बच्चों को स्वयं सेवी संस्थाओं व समाज सेवियों द्वारा गोद लिया गया हैं।

जिला चिकित्सालय कन्नौज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सुरेश यादव बताते हैं कि टी.बी.एक ऐसी बीमारी हैं जो उम्र देखकर नहीं आती।बच्चों में टीबी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। आज के समय में कई ऐसे बच्चे हैं जो टी.बी.जैसी खतरनाक बीमारी की चपेट में हैं। जिसमें पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चे भी शामिल होते हैं। ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता है टीबी कहीं पर भी हो सकती है। बच्चों में टीबी के 60 फीसदी मामले फेफड़ों से जुड़े होते हैं जबकि बाकी 40 फीसदी फेफड़ों के अतिरिक्त अन्य अंगों में होते हैं। टीबी के मामलों में हर साल बढ़ोतरी हो रही है।

डॉ.यादव बताते हैं कि  बच्चों में टीबी का आम प्रकार नकारात्मक पल्मोनैरी टीबी है। छोटे बच्चों में बलगम नहीं बनता है, ऐसे में जांच के लिए वे बलगम नहीं दे पाते हैं। ऐसी स्थिति में गैस्ट्रिक लवेज बच्चों में टीबी का पता लगाने के लिए दूसरा विकल्प है। कुपोषण, एचआईवी या खसरा से संक्रमित बच्चों में टीबी अधिक आम और गंभीर होती है। बच्चों में टीबी की उचित जांच और इलाज को लेकर लोग जागरूक नहीं हैं। ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि टीबी नाखुन और बाल छोड़कर कहीं भी हो सकती है।

लक्षण..

खांसी होना

कमजोरी, सुस्ती या कम खेलना

वजन घटना

रात में पसीना आना

बच्चों का टीबी से बचाव

  • अपने बच्चे को गंभीर खांसी से पीड़ित लोगों से दूर रखें।
  • अपने शिशु को जरूरी टीके समय पर लगवाएं, जिसमें टीबी वैक्सीनेशन के लिए बीसीजी (BCG) टीका शामिल होता है ।
  • टीबी के लक्षण दिखने पर तुंरत बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं।
  • एंटी टीबी दवाइयों का कोर्स बच्चे को जरूर पूरा करवाएं।
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