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एरा ने हासिल किया 96.14 प्रतिशत रिकवरी दर कई मरीजों की वेंटीलेटर से की गई वापसी

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लखनऊ : प्रदेश के सबसे बड़े कोविड अस्पताल एरा लखनऊ मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी दर 96.14 प्रतिशत है, यानि कुल भर्ती मरीजों में से 96.14 प्रतिशत को उपचार के बाद सकुशल अस्पताल से छुट्टी दी गयी है। जिले के अन्य अस्पतालों के मुकाबले देखा जाए तो ये बड़ी उपलब्धि है। अगर देखा जाए तो एरा लखनऊ मेडिकल लेवल -3 का कोविड अस्पताल है। यहाँ अति गंभीर मरीजों को भर्ती कराया जाता है, दूसरे जिलों से भी यहाँ के लिए गंभीर मरीज रेफेर किये जाते है

 

आंकड़ो  पर नज़र डालें तो 1 सितम्बर तक एरा अस्पताल के कुल 1708 कोरोना संक्रमित मरीज़ों को भर्ती कराया गया था, इस दौरान इसमें से  1420 मरीजों का सकुशल  उपचार के बाद एरा के डॉक्टरों ने छुट्टी दे दी, जबकि 225 के करीब मरीज भर्ती थे, जिनका उपचार चल रहा है। इस तरह कुल भर्ती मरीजों के मुकाबले 96.14 प्रतिशत मरीजों को ठीक करने में एरा अस्पताल ने सफलता हासिल की है।

एरा लखनऊ मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर एमएमए फरीदी ने बताया कि हमारी पूरी टीम संक्रमित मरीजों को बचाने में जुटी हुई है। डॉक्टरों की मेहनत का नतीजा है जो हम 96.14 प्रतिशत मरीजों को बचाने में सफल हुए है। हम कुछ मरीजों को बचाने में असफल भी हुए, जिसकी दो प्रमुख वजह है। एक तो वह मरीज बुज़ुर्ग थे और अन्य गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त थे, दूसरा मरीजों को संक्रमण फैलने के काफी दिनों के बाद गंभीर अवस्था मे भर्ती कराया गया था। फिर भी हमारी टीम ने सभी को बचाने की कोशिश कि लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण हम उन्हें बचा नही पाए

 

जबकि बड़ी संख्या में हम मरीजों को बचाने में सफल हुए, कई मरीजों को वेंटीलेटर से बाहर ला कर अस्पताल से छुट्टी दी गयी है। आज ही 74 वर्षीय प्रतिभा त्रिपाठी को वेंटीलेटर से बाहर ला कर डिस्चार्ज किया गया है। वह 4 दिनों तक वेंटीलेटर पर थी, कोरोना के अलावा वो कई अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थी। प्रतिभा त्रिपाठी के पुत्र डॉक्टर  सुप्रतिम त्रिपाठी डेंटल कॉलेज में सहायक प्रोफेसर है। उन्होंने ने एरा के प्रति आभार जताया है। डॉ फरीदी ने कहा  कि इस महामारी में हम पूरी तरह से सरकार और समाज के साथ खड़े है, लोगों को एरा प्रसाशन द्वारा बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।

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