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कार्यकाल में गौकसी हुई तो सम्बन्धित थानेदार पर कार्रवाई तय एसपी राजेश कुमार सिंह

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फतेहपुर : पुलिस काफ़ी समय से अपनी बेजा हरकतों के कारण चर्चा में रही है। बावजूद इसके उसके कृत्यों को आख़िर कब तक अनदेखा किया जाएगा यह अपने आप में बड़ा सवाल है। खखरेरू थाने में पिछले दिनों जो कुछ हुआ वह अपने पीछे कई अनबुझी पहेली छोड़ गया है, अब सवाल यह भी बड़ा है कि शासन और प्रशासन कर क्या रहा है? उल्लेखनीय हैं कि खखरेरू थाना क्षेत्र के पौली ग्राम से पिछले दिनों गाय काटने के एक बडे़ मामले में थाना पुलिस की संदिग्घ भूमिका पर उंगलियां उठना लाज़िमी हैं। मय गौ-मांस के कई लोगों की गिरफ़्तारी के लगभग 36 घण्टे बाद उन्हें थाने से छोड़ देना और कच्चा-पक्का मांस थाने के पीछे ज़मीन में गड़वाने का कृत्य क्या साक्ष्य मिटाने से सम्बंधित सीआरपीसी की धाराओं की परिधि में नहीं आता।

अब जब पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक ने कड़ी कार्यवाही करते हुए दो पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर दिया है और दो उप निरीक्षकों के निलम्बन की संस्तुति कर दी गई है, तो इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ साक्ष्य मिटाने की धाराओं के तहत् एफआइआर क्यों नहीं, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इस मामले में कप्तान के निर्देश पर सीओ सिटी संजय सिंह ने बताया कि कल ही खखरेरू पहुंच कर जांच की और लौटकर कप्तान को जांच सौप दी। उन्होंने इस मामले में सम्बंधित एसओ की भूमिका संदिग्ध होने की संभावनाओं से इन्कार नहीं किया। उधर थानाध्यक्ष पर भी गाज गिरना लगभग तय माना जा रहा है। बताते चलें कि जनपद में गौकसी पर लगाम लगाने में स्थानीय स्तर पर पुलिस नाकाम साबित हो रही है जिसका प्रमुख कारण थाना स्तर पर पुलिस का गौ तश्करो को संरक्षण रहा है। चूंकि गौ-तश्कर सख्त कानून और सरकार की गौकसी पर सख्ती को देखकर फंसने पर जेल जाने से बचने के लिए मोटा सुविधाशुल्क थाना स्तर पर पुलिस को मुहैय्या करा देते हैं।

जिससे या तो स्थानीय पुलिस घटना को दबा देती है या मामला ही पी जाती है। ऐसा ही एक मामला खखरेरु थाना क्षेत्र के पौली गांव का सामने आया है जहां गौकसी होने के बाद स्थानीय पुलिस आरोपियों को गोमांस सहित थाने पकड़कर लाती है और पूरे मामले को सुविधा शुल्क लेकर पी जाती है। इस मामले की जानकारी एसपी को हुई तो उन्होंने 04 पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर थानाध्यक्ष के खिलाफ जांच बैठा दी है। थानाध्यक्ष दीप नारायण सरोज पर भी निलंबन की कार्रवाई लगभग तय मानी जा रही है। बता दें कि खखरेरु थाना क्षेत्र का पौली गांव गौकसी को लेकर पूर्व से कुख्यात है। यहां आए दिन गाय का कत्ल करके उसका मांस बिक्री किया जाता है। गुरुवार की रात को भी एक गाय की हत्या कर उसका मांस एक बिल्डिंग मशीन की दुकान पर कटिंग किया जा रहा था। जिसकी जानकारी खखरेरु पुलिस को हुई। पुलिस ने मौके पर छापा डाला तो आधा दर्जन गौकस पुलिस टीम को देखकर भाग निकले मगर हैदर नाम का युवक कटे हुए मांस सहित हत्थे चढ़ गया। थाने ले जाकर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ कर सभी आरोपियों को रात में उठा लिया। जिसके बाद एक एक को भारी रिश्वत लेकर रात में ही छोड़ दिया। और मौके से मिले गोमांस को मिट्टी में दबा दिया। पूरे मामले को निपटाने की जानकारी पर एसपी ने गम्भीरता दिखाते हुए आनन फानन में प्रकरण की जांच करवाई।

जांच के दौरान मामला सही पाया गया। एसपी राजेश कुमार सिंह ने कहा कि उनके कार्यकाल में गौकसी हुई तो सम्बन्धित थानेदार पर कार्रवाई तय है। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया मामले में चार पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पाई गई है। जिसमे हेड कांस्टेबल मनोज कुमार व कांस्टेबल राजेश तिवारी को निलम्बित कर दिया गया है जबकि दो उपनिरीक्षकों अनीस कुमार सिंह व शमी अशरफ शेख के खिलाफ भी निलंबन की प्रक्रिया प्रगति पर है। जबकि विभागीय कार्रवाई भी की जा रही है। वहीं थानाध्यक्ष हेमराज सरोज की प्रारंभिक जांच व पूरे प्रकरण की जांच सीओ सिटी संजय सिंह को सौंपी गई है। जितने पुलिसकर्मी जांच के दौरान गौकसी के मामले में संलिप्त पाए जाएंगे सभी को निलम्बित किया जाएगा। योगी राज में भी इस जिले में गौकसी पर बहुत ज्यादा अंकुश नहीं लग पाया है। सरकार के शुरुआती समय में तो इस दिशा में तेज़ी दिखी किन्तु अब सब कुछ लगभग पुराने ढर्रे पर लौट आया है। खखरेरू थाने की घटना ऐसी अकेली घटना नहीं है। इसके पहले भी असोथर, थरियांव, सुल्तानपुर घोष, ललौली आदि थानों में ऐसी घटनाएं चर्चा में रही हैं।

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