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अल्पसंख्यक संस्थान बचाओ समिति की ओर से बैठक का आयोजन प्रबंध समिति के सदस्यों व उनके रिश्तेदार कमीशन खोरी में शामिल शोएब एडवोकेट

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अल्पसंख्यकों के शैक्षिक रूप से पिछड़ेपन के लिए प्रबंधन समिति जि़म्मेदार: रफ़ी अहमद

लखनऊ : अल्पसंख्यक संस्थान बचाओ समिति की ओर से एक बैठक का आयोजन समी हाल मक़बूल गंज लखनऊ में किया गया। इस बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता एवं सीनियर वकील जनाब शोएब एडवोकेट, नागरिक अधिकार परिषद के अध्यक्ष रफ़ी अहमद ख़ान, ऑल इंडिया दलित मुस्लिम मोर्चा के अध्यक्ष एडवोकेट सलाहुद्दीन शीबू, राष्ट्रीय भागीदारी आंदोलन के अध्यक्ष पीसी कुरील, अल्पसंख्यक संस्थान बचाओ समिति के अध्यक्ष जि़याउल्लाह सिद्दीक़ी, स्मार्ट विज़न पार्टी के अध्यक्ष शहजादे मंसूर अहमद, जनहित संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी फ़हीम सिद्दीक़ी, सुन्नी कॉलेज ओल्ड ब्वायज़ एसोसिएशन के अध्यक्ष असजद मलिक एवं सुन्नी कालेज बचाओ समिति के सेक्रेटरी नाजि़शुर्रहमान नगरामी और इस्लामिया कॉलेज ओल्ड ब्वायज़ एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद यूनुस ख़ान इत्यादि मुख्य रूप से शामिल रहे।

बैठक की अध्यक्षता मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता एवं सीनियर वकील जनाब शोएब एडवोकेट ने की । उन्होंने कहा कि क़ौम के नाम पर इन अल्पसंख्यक संस्थानों की प्रबंध समिति के पदाधिकारियों और उनके रिश्तेदारों द्वारा कमीशन खोरी को बढ़ावा दिया जा रहा है। ज़मीन की खरीद में कमीशन खोरी न हो पाने के कारण शहर की एक प्रबंध संस्था को अल्पसंख्यकों के लिए खोले जा रहे एक मेडिकल कालेज की योजना रद्द करनी पड़ी। नागरिक अधिकार परिषद के अध्यक्ष रफ़ी अहमद ख़ान ने कहा कि अल्पसंख्यक संस्थानों की मनमानी और उस में व्याप्त भ्रष्टाचार अल्पसंख्यकों की बदहाली का सबसे बड़ा कारण है । शहर, प्रदेश एवं देशभर में अल्पसंख्यकों की शिक्षा और उनके विकास के नाम पर भारी संख्या में अल्पसंख्यक संस्थान है जिन्हें इन संस्थानों की प्रबंध समिति संचालित करती है । इन समितियों में भ्रष्टाचार और शोषण का बोलबाला रहता है ।और पदाधिकारियों द्वारा सिर्फ़ अपनी तिजोरिया भरने का काम किया जाता है ।

इन्हें देश के अल्पसंख्यक समुदाय की तरक़्की़ और विकास से कोई लेना देना नहीं होता है। बैठक में लखनऊ के मुख्य अल्पसंख्यक संस्थानों जैसे करामत कॉलेज, सुन्नी कॉलेज, इस्लामिया कॉलेज, शिया कॉलेज, अल हुदा कॉलेज और मुमताज़ कॉलेज जैसे शैक्षिक संस्थानों को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए रणनीति बनाने पर विचार किया गया। इन कॉलेजों में बड़े पैमाने पर व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए एक अलग से समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया जो इन संस्थानों की निगरानी करेगी और किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की शिकायत होने पर आंदोलन करेगी को भ्रष्टाचार मुक्त कराने का काम करेगी । साथ ही यह निर्णय लिया गया कि इन संस्थानों की प्रबंध समिति अगर अपनी ग़लत नीतियों से बाज़ नहीं आई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। अंत में अल्पसंख्यक संस्थान बचाओ समिति के अध्यक्ष व प्रोग्राम के संयोजक जि़याउल्लह सिद्दीक़ी ने सभी का धन्यवाद किया।

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