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करबला में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के साथ हक के सिपाही थे : जमाल अब्बास नकवी

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लखनऊ : शीश महेल लखनऊ में जनाब ताहिर हुसैन ज़ैदी के मकान पर एक मजलिस का आयोजन किया गया।मजलिस का आगाज़ तिलावते कुराने पाक से किया गया जिस के फराइज जनाब मौलाना तकी जाफरी साहब ने अंजाम दिये।

पेशवानी जनाब लवी नवाब साहब, मौलाना अली मोहम्मद नकवी और मोअम्मल जाफर सल्लमहू ने की सोज़ख़्वानी के फराइज जनाब साहिल साहब और उनके हमनवा ने अदा किए। मजलिस को मौलाना सैयद जमाल अब्बास नकवी सिरसवी ने खिताब किया मौलाना ने अपने बयान में कहा कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने कर्बला में हक़ को जमा किया था इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के साथ जो 72 साथी थे वह हक़ पर थे उन्हें किसी तरह की कोई लालच नहीं थी।

मौलाना ने कहा कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने पूरी इंसानियत को यह पैगाम दिया है कि हमेशा हक़ के रास्ते पर चलने से ही कामयाबी हासिल होती है। मजलिस के आखिर में मौलाना ने जनाब सैयदे सज्जाद अलैहिस्सलाम और जनाबे जैनब सलवातुल्लाह अलैहा के मसाएब पढ़े जिसमें उन्होंने जिक्र किया । कि जब इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम से पूछा गया कि सबसे ज्यादा अजीयत कहां हुई तो उन्होंने 3 मर्तबा कहा अशशाम अशशाम अशशाम। यह सुनकर मोमिनीन की आंखें अश्क बार हो गई।

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