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चीनी साइबर हमले के लिए तैयार है भारत! जानिए कैसा है हमारा साइबर सुरक्षा तंत्र

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लखनऊ : गलवान घाटी में भारतीय सेना पर बर्बर हमले के बाद अब चीनी हैकर भारत पर साइबर हमले की फिराक में हैं। साइबर इंटेलिजेंस फर्म साइफर्मा की चेतावनी के बाद अब कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-IN) ने भी भारत को सतर्क किया है। CERT-IN भारत पर होने वाले साइबर हमलों से निपटने वाली कंपनी है। ऐसी खबरें हैं कि चाइनीज हैकरर्स ने भारत में हैकिंग की हिट लिस्ट तैयार की है। यह हमला रविवार यानी आज से शुरू हो सकता है। साइफर्मा के अनुसार डार्क वेब पर कुछ लोगों को चीनी भाषा मंदारिन कंटोनीस में भारत को सबक सिखाने की बात करते हुए सुना गया है।

साइबर इंटेलिजेंस के भारत के प्रमुख मीडिया समूह चीनी हैकरों के निशाने पर है। इसके अलावा भारतीय विदेश मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, फार्मा कंपनियां, एक टायर कंपनी, बीएसएनएल, जियो, टेलीकाॅम ऑपरेटर्स आदि कंपनियों पर भी साइबर अटैक हो सकता है।

चीनी सेना से जुड़े हैं हैकिंग ग्रुप

साइफर्मा के अनुसार चीनी हैकिंग ग्रुप में प्रमुख रूप से गोथिक पांडा और सटोन पांडा शामिल हैं। यह दोनों हैकिंग समूह सीधी चीनी सेना से जुड़े हुए हैं। यह चीनी के दुश्मन देशों पर जैसे कि भारत, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान आदि देशों पर साइबर हमले की योजना बनाते रहते हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के सरकारी व निजी क्षेत्रों पर बड़ा साइबर अटैक हुआ है। इस हमले के पीछे भी चीनी हैकर्स पर शक जताया जा रहा है।

कैसे होगा हमला

साइफर्मा के अनुसार चीनी हैकरर्स भारतीय कंपनियों व सरकारी एजेंसियों पर ई-मेल के जरिए निशाना बना सकते हैं। संदेहास्पद ई-मेल आईडी भेजी जा सकती है। सरकार के नाम वाली आईडी से भेजा जा सकता है। ncov2019@gov.in से संदेहास्पद मेल भेजा जा सकता है।

भारत की कैसी है स्थिति

आईटी सेक्टर का दिग्गज होने के बावजूद भारत का साइबर सुरक्षा तंत्र काफी कमजोर है। जानकारों के मुताबिक अब दुनिया के हर देश की सेना के पास साइबर हमलों से निपटने के लिए अलग से साइबर सेना होती है। जानकारों के मुताबिक भारत इस वक्त साइबर हमले के नाजुक दौर से गुजर रहा है। देश में लंबे समय से एक इंटीग्रेटेड साइबर कमांड बनाने की कवायद चल रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस योजना अमल में नहीं आ सकी है।

कई एजेंसियों व प्राइवेट वेंडरों के हाथ में साइबर सुरक्षा

जानकारों के मुताबिक भारत सरकार साइबर हमलों से निपटने के लिए कई एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। एक इंटीग्रेटेड साइबर कमांड के अभाव में चीनी हैकर्स से निपटना काफी मुश्किल हो सकता है। साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में काम कर रही एजेंसियों में अधिकतर प्राइवेट वेंडर काम करते हैं। इन प्राइवेट वेंडर्स के पास न तो ज्यादा जानकारी होती है और न ही यह उतनी मुस्तैदी से अपने काम को अंजाम दे पाते हैं। ऐसी स्थिति में भारत पर बड.े साइबर हमले की स्थिति में पूरे देश में स्थिति को काबू में करने के लिए किसी सक्षम एजेंसी का अभाव है।

नई साइबर सुरक्षा नीति का इंतजार

इस साल मार्च में हुई 6वीं साइबर सुरक्षा इंडिया समिट-2020 में पीएमओ के राष्ट्रीय सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. राजेश पंत ने कहा था कि भारत जल्द ही नई साइबर सुरक्षा नीति का ऐलान करेगा। बता दें कि भारत में पहली बार मोदी सरकार ने डॉ. गुलशन राय को साइबर सिक्योरिटी चीफ के रूप में नियुक्ति दी थी। डॉ. गुलशन राय के रिटायर होने के बाद भारत सरकार ने देश में काम कर रहीं तमाम साइबर सिक्योरिटी एजेंसियों के बीच तालमेल बिठाने के लिए ले. जनरल (रिटायर्ड) राजेश पंत को नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोआर्डिनेटर बनाया है।

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